बिना हेल्‍मेट या सीट बेल्‍ट और नशे की हालत में गाड़ी चलाने की मानसिकता से बाहर निकलना जरूरी

वाहन दुर्घटना से हर साल 15 लाख की मौत, 5 से 6 लाख लोग हो जाते हैं विकलांगता के शिकार
 
लखनऊ। प्रत्येक वर्ष विश्व में लगभग 15 लाख लोगों की मौत सड़क हादसों की वजह से होती है और करीब 5 से 6 लाख लोग विकलांगता के शिकार होते है। उन्होंने कहा कि कानून का पालन न करना, हेल्मेट एवं सीट बेल्ट का प्रयोग न करना और नशे में वाहन चलाने की मानसिकता से युवाओं का बाहर निकालना पड़ेगा।
 
यह बात किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट ने  ट्रॉमा सर्जरी विभाग द्वारा विश्‍व ट्रॉमा दिवसर (वर्ल्‍ड ट्रॉमा डे) पर आयोजित जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। यह रैली चिकित्सा परिसर में कुलपति कार्यालय से शुरू होकर कलाम सेंटर पर समाप्त हुई। इस जागरूकता रैली को केजीएमयू के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
 
कुलपति ने केजीएमयू के समस्त डॉक्टर्स, स्टूडेंट्स एवं कमचारियों से बिना हेल्मेट एवं सीट बेल्ट के वाहन न चलाने की अपील करते हुए कहा कि ऐसा करके किसी भी हादसे में होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। इस अवसर पर ट्रॉमा सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ0 संदीप तिवारी ने बताया कि देश में प्रति वर्ष करीब डेढ़ लाख लोगों की सड़क हादसों में मौत हो जाती है, 5 से 40 वर्ष की उम्र में मौत का सबसे बड़ा कारण रोड ऐक्सीडेंट है, जबकि यातायात नियमों का पालन कर ज्यादातर मामलों को टाला जा सकता है और सुरक्षा बेल्ट एवं हेल्मेट के प्रयोग से करीब 70 फीसदी सड़क हादसों में कमी लाई जा सकती है।
 
उन्होंने बताया कि ट्रॉमा सेंटर में प्रतिदिन करीब 50 मामले सड़क हादसों के आते हैं, जिनमें से ज्यादातर घायल सीट बेल्ट एवं हेल्मेट का प्रयोग नहीं करने वाले लोग होते है। उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में थोड़ी से जागरूकता एवं संवेदनशीलता अपनाकर कमी लाई जा सकती है।
ट्रॉमा से तीन फीसदी जीडीपी का होता है नुकसान
इस अवसर पर सर्जरी के प्रोफेसर एवं पैरामेडिकल साइंसेस के डीन डॉ0 विनोद जैन ने कहा कि देश भर में ट्रॉमा पर होने वाले खर्च से करीब 3 फीसदी का जीडीपी का नुकसान होता है, जबकि इसका एक फीसदी हिस्सा ही स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मुहैया किया जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे हादसों में कमी लाकर स्वयं के साथ ही देश की सेवा भी की जा सकती है।उन्होंने बताया कि ऐसे हादसों से बचाव एवं जानकारी देने के लिए पैरामेडिकल साइंसेस विभाग द्वारा प्रत्येक शनिवार को एक ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है, जिसमें शामिल होने पर इससे स्वयं के बचाव के साथ ही इस के प्रति दूसरों को जागरूक करने की ट्रेनिंग दी जाती है।
इस जागरूकता रैली का आयोजन ट्रॉमा सर्जरी के डॉ राजीव मिश्र के द्वारा किया गया था। इस अवसर पर ट्रॉमा सर्जरी के डॉ समीर मिश्र, एनेस्थेसिया विभाग के प्रोफेसर जीपी सिंह सहित तमाम डॉक्टर्स, स्टूडेंट्स एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
इन बातों का रखे ध्यानः
1    दोपहिया वाहन में बैठते व चलाते समय हमेशा हेल्मेट का प्रयोग करें।
2    चार पहिया वाहन का प्रयोग करते समय सदैव सीट बेल्ट का प्रयोग करें
3    वाहन की रफ्तार सीमित रखें।
4    नशे में वाहन न चलाएं।
5    गलत दिशा से ओवरटेक न करें।
6    वाहन चलाते समय एवं सड़क पार करते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें।

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