बिना चर्चा के विधेयक पास कराना लोकतंत्र के लिए काला दिन

जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। कोरोना काल के दौरान उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसूत्र सत्र को शनिवार को तीसरे दिन विधानमंडल की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की दी गई है लेकिन इस दौरान सदन में जमकर हंगामा देखने को मिला। सपा और कांग्रेस ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा।
इसके साथ हंगामे के बीच 17 विधेयक पास भी हो गए है। विधानसभा के मानसूत्र सत्र पास हुए विधेयक को लेकर यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर तगड़ा प्रहार किया है। उन्होंने विधेयक लाने और बिना चर्चा के ही स्वीकृत कराने को लोकतंत्र के लिए काला दिन और संविधान की हत्या करार बताया है। इस दौरान सदन जल्दी खत्म किये जाने पर अजय कुमार लल्लू ने नाराजगी जतायी और कहा कि दो दिन तो कण्डोलेन्स और एक दिन में 2 घण्टे में ही सदन को समाप्त कर दिया।
उन्होंने कोरोना को लेकर यूपी सरकार को घेरते हुए कहा कि पूरा प्रदेश कोरोना महामारी के संकट को झेल रहा है। दो-दो मंत्रियों की इस गंभीर बीमारी से मृत्यु हो गयी। बाढ़ की विभीषिका को पूरा प्रदेश झेल रहा है। बंधों की सुरक्षा का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है। व्यापक जन-धन की हानि हो रही है।
कानून व्यवस्था प्रदेश सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है। महिलाओं की अस्मत सुरक्षित नहीं है। फिरौती, हत्या और बलात्कार योगी सरकार में इस प्रदेश की पहचान बन गया है। अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जिस तरह यह सरकार राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के चलते विपक्षी दलों की आलोचना कर रही है। तमाम पत्रकारों को, डॉ. कफील खान जैसे समाजसेवी तथा तमाम राजनीतिक लेागों पर फर्जी मुकदमा लादकर जेल भेजने का काम कर रही है, यह सरासर अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला कर रही है।

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उन्होने कहा कि गन्ना किसानों के बकाये गन्ने मूल्य का भुगतान नहीं हुआ। बुन्देलखण्ड में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। 69हजार शिक्षक भर्ती में एमआरसी लागू करके दलित, पिछड़ों के अधिकार को छीनने का काम योगी सरकार कर रही है। नौजवानों के सामने रोजगार का संकट है। बेरोजगारी दर इस कदर बड़ी है कि इस सरकार में 45 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि डीएचएफएल घोटाला, पंचायती राज ग्रान्ट घोटाला, सहकारिता घोटाला, बिजली के मीटर का घोटाला, यूरिया की कालाबाजारी आदि इन तमाम विषयों पर हम सदन में चर्चा करना चाहते थे, पर इस सरकार ने 2 घंटे सदन को चलाकर बन्द कर दिया। यह उप्र की 23 करोड़ जनता की जनभावनाओं की आशा और आकांक्षा के खिलाफ है।
सरकार ने उप्र के तमाम विषयों, मुद्दों से मुंहमोड़ तानाशाही की सारी सीमाओं को पार दिया है। कांग्रेस पार्टी ने इन मुद्दों को लेकर विधानसभा के अन्दर धरना दिया और विधानसभा के बाहर भी धरना दिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इन विषयों, मुद्दों को लेकर सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष जारी रखेगी।
इन विधेयकों पर लगी मुहर…
उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी सम्पत्ति क्षति वसूली विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश आकस्मिकता निधि (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन द्वितीय (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश राज्य विधानमंडल सदस्यों की उपलब्धियों और पेंशन (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश कारखाना विवाद (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास (संशोधन) विधेयक 2020
कारागार अधिनियम 1894 में (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर संशोधन विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन भत्ता, और प्रकीर्ण उपबंध (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश कतिपय श्रम विधियों से अस्थाई छूट (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2020
कारागार उत्तर प्रदेश (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल अध्यादेश, 2020

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