बाबरी प्रकरण : पूरा हुआ आरोपियों के बयान दर्ज़ करने का सिलसिला, एक आरोपी फरार घोषित

विधि संवाददातालखनऊ 28 जुलाई। बाबरी विध्वंस मामले में मंगलवार को आरोपी सतीश प्रधान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ठाणे महाराष्ट्र से उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराते हुए कहा है कि उसे इस मामले में फर्जी फंसाया गया है। वह कथित घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे। विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने आरोपी का बयान दर्ज करने के उपरांत सफाई साक्ष्य के लिए आगामी 30 जुलाई की तिथि नियत करते हुए कहा है कि बचाव पक्ष लिखित में सफाई साक्ष्य प्रस्तुत कर सकता है।

उल्लेखनीय है कि कथित विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में सीबीआई ने विवेचना करने के उपरांत लालकृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर जोशी उमा भारती साध्वी ऋतंभरा एवं कल्याण सिंह सहित 49 लोगों के ख़िलाफ़ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। विचारण के दौरान 17 आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है तथा मात्र 32 आरोपितों का विचारण विशेष अदालत कर रही है। इस मामले में अभियोजन साक्ष्य समाप्त होने के उपरांत बचाव पक्ष की ओर से अदालत में अर्जी देकर कहा गया कि आरोपी ओम प्रकाश पांडे का कोई पता नहीं चल रहा है जिसके कारण उसे न्यायालय में उपस्थित करना संभव नहीं है।

अदालत ने अन्य आरोपियों से बयान अंतर्गत धारा 313 दंड प्रक्रिया संहिता का दर्ज करते हुए ओम प्रकाश पांडे के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट एवं अचल संपत्ति की कुर्की किए जाने का आदेश पारित किया था, लेकिन ओम प्रकाश पांडे के घरवालों की ओर से बार-बार यही कहा गया कि वह पिछले 10 ,15 सालों से घर पर नहीं रह रहे हैं। वह साधु हो गए हैं। यह भी बताया गया कि उनके मिलने की संभावना हरिद्वार या अन्य तीर्थ स्थानों पर हो सकती है। सीबीआई ने अदालत में अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि हरिद्वार एवं अन्य स्थानों पर तलाशा गया लेकिन ओम प्रकाश पांडे का कोई पता नहीं लग सका। इसके अलावा गृह जनपद आजमगढ़ के उप निरीक्षक प्रदीप कुमार सिंह ने अपनी रिपोर्ट देकर कहा है कि ओम प्रकाश पांडे का पुश्तैनी मकान था, जो गिर गया है। उसके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है।

अदालत ने सीबीआई एवं पुलिस की रिपोर्ट को पत्रावली पर रखते हुए कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है की अभियुक्त ओम प्रकाश पांडे का निकट भविष्य में मिलने की संभावना नहीं है। ऐसी स्थिति में आरोपी को धारा 299 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत फरार घोषित किया जाता है। अदालत ने कहा है कि अभियुक्त ओम प्रकाश पांडे के विरुद्ध स्थाई वारंट संबंधित थाने को भेजा जाए, जिससे भविष्य में कभी भी अभियुक्त के गिरफ्तार होने की दशा में उसे न्यायालय में पेश कर आगे की कार्यवाही की जा सके।

अदालत ने आरोपी ओम प्रकाश पांडे को फरार घोषित करते हुए उसकी पत्रावली मूल पत्रावली से अलग कर दिया है तथा शेष 31 आरोपियों के विरुद्ध अग्रिम कार्रवाई प्रारंभ कर दी है। आरोपी सतीश प्रधान का बयान दर्ज करने के उपरांत अपने आदेश में कहा है कि बयानों पर हस्ताक्षर कराने के लिए सीबीआई मुंबई महाराष्ट्र के ईमेल आईडी पर पीडीएफ फॉर्म बनाकर धारा 313 दंड प्रक्रिया संहिता के बयान को प्रेषित कर दी जाए। सीबीआई अपने माध्यम से अभियुक्त सतीश प्रधान का बयानों पर हस्ताक्षर करा कर पुनः इस न्यायालय को प्रेषित करें।

अदालत के समक्ष आज कोई भी आरोपी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं था। आरोपियों के वकीलों मनीष कुमार त्रिपाठी केके मिश्रा एवं एसके शर्मा द्वारा हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र दिया गया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है। अदालत में अभियोजन की ओर से पैरवी करने के लिए विशेष अधिवक्ता ललित कुमार सिंह पूर्णेन्दु चक्रवर्ती एवं आर के यादव मौजूद थे।

बाबरी विध्वंस प्रकरण में अभियोजन साक्ष्य समाप्त होने के उपरांत गत 4 जून से आरोपियों का बयान अंतर्गत धारा 313 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत दर्ज किए जाने का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह मंगलवार 28 जुलाई को समाप्त हुआ। अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले को आगामी 31 अगस्त के पूर्व निस्तारित किए जाने का आदेश दिया है, लिहाजा उभय पक्ष अपनी अपनी लिखित बहस तैयार करले ले तथा बचाव पक्ष का सफाई साक्ष्य के तुरंत बाद अभियोजन पक्ष अपनी लिखित बहस प्रस्तुत करें, जिससे बहस हेतु अनावश्यक समय का नुकसान न हो। अदालत ने कहां है कि एक न्यायालय कर्मचारी को कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आने कारण 29 जुलाई को न्यायालय परिसर को सेनीटाइज किया जाना है तथा न्यायालय बंद होने के कारण सफाई साक्ष्य के लिए 30 जुलाई की तिथि नियत की जाती है।

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