बच्चों के विकास के लिए बेहद जरूरी है देसी घी, जानें इसके फायदे

देसी घी बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी और अच्छा माना गया है।इसके पीछे सबसे अहम कारण यह है कि देसी घी हड्डियों को मजबूत बनाता है, चूंकि बच्चों के विकास में उन्हें एक ऐसा आहार चाहिए जो उनकी हड्डियों के विकास में मदद करे।इस काम के लिए देसी घी से बेहतर कुछ और नहीं है।बच्चों के विकास के लिए बेहद जरूरी है देसी घी, जानें इसके फायदे

-घी फैट का एक स्वस्थ स्रोत है और बहुत अधिक मात्रा में उर्जा भी देता है, जो प्रारंभिक अवस्था के दौरान बच्चे के विकास और वृद्धि के लिए जरूरी है।

-देसी घी का सेवन करने से बच्चे ऊर्जावान रहते हैं। यह ऊर्जा बच्चे के विकास के लिए बेहद आवश्यक होती है।

-देसी घी आसानी से पच जाता है और बच्चे के दिमाग के विकास में भी मदद करता है।

-बच्चों को देसी घी खिलाते वक्त उनके वजन के हिसाब से ही मात्रा तय करें। यदि वजन पहले से ही ज्यादा है तो कम मात्रा में देसी घी दें और यदि बच्चे का वजन कम है तो उसे थोड़ी ज्यादा मात्रा में देसी घी दिया जा सकता है।

-गाय का देसी घी बच्चों की नाक में डालने से एलर्जी से निजात मिल जाती है।

-देसी घी में हाई-न्यूट्रिशनल वेल्यू है। इसे खाने से बच्चे का वजन भी बढ़ता है और उन्हें ताकत भी मिलती है।

-8 महीने के बाद बेबी की डाइट में देसी घी का उपयोग शुरू किया जा सकता है। खिचड़ी, चावल या दलिया में देसी घी डालकर दिया जा सकता है। यहां तक की उनकी रोटी पर भी देसी घी डालकर उन्हें खिला सकते हैं।

– पहला साल बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।स्वस्थ मस्तिष्क के विकास के लिए आनंदमय वातावरण तथा पोषक तत्वों से युक्त आहार बहुत आवश्यक होता है। मस्तिष्क का 60% भाग फैट से बना होता है। ऐसे में देसी घी बेहद जरूरी है।

– गाय के देसी घी से शिशु के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास होता है।

-शिशु के जीवन के पहले तीन साल विकास की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इन तीन सालों में शिशु बीमार भी सबसे ज्यादा पड़ता है, इसलिए देसी घी का प्रयोग काफी लाभकारी होता है।

-ठंड के दिनों में देसी घी काफी जरूरी है। अगर कफ की वजह से शिशु की छाती में जकड़न है तो आप गाय के पुराने देसी घी से शिशु की पीठ और छाती पर मालिश करें, काफी आराम मिलेगा।

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