‘बकरी’ बन पूरी की बचपन की इच्छा
क्या हम सब डरे हुए लोग हैं? हमें अपने काम से मोहभंग हो गया है। हम चारों तरफ जिन लोगों से घिरे हैं उनसे प्रेरित नहीं होते। डेली रूटीन से भी थक चुके हैं। इसीलिए हम करियर बदलते हैं, योग की तरफ रुख करते हैं और एकांत की तलाश में रहते हैं। हालांकि थॉमस थ्वेट ने ऐसा नहीं किया। जब उन्होंने खुद को ऊबा हुआ आदमी पाया तो खुद को घास खाने वाली बकरी बनाने का फैसला किया।
घास खाने वाली बकरी बनाने का फैसला
थॉमस ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, ‘आइडिया यह है कि हमें आधुनिक टेक्नॉलजी प्राचीन मानव समाज की तरफ लौटने के लिए प्रेरित कर रही है। हमें अन्य जानवरों से विशेषता हासिल करने की जरूरत है।’ थॉमस ने इस अनुभव को 200 से ज्यादा पन्नों की अपनी किताब “GoatMan: How I Took a Holiday from Being Human” में साझा किया है। इस हफ्ते उन्होंने वॉशिंगटन पोस्ट द्वारा ईमेल पर भेजे गए सवालों का उत्तर दिया है।
आपने बकरी बन रहने का फैसला क्यों किया?
मैं अपनी भतीजियों के लिए कुत्ते की रखवाली कर रहा था। मैं थोड़ा उदास था लेकिन कुत्ता बेपरवाह था। बिल्कुल बढ़िया और खुश था। कोई उदासी नहीं थी। मैंने सोचा कि यह कुत्ता कितना लकी है। काश मैं भी इसके जैसा ही होता! यह खयाल मुझे बचपन में भी आया था। यदि मैं पालतू बिल्ली होता तो कड़ाके की ठंड में स्कूल नहीं जाना पड़ता।
लेकिन बकरी बनना ही क्यों पसंद किया? शेर, घोंघा या गिद्ध क्यों नहीं?
दअसरल, मैंने पहले हाथी बनने की कोशिश की थी। मैंने जंगलों और जू में जाकर हाथियों को देखा और पाया कि ये भावनात्मक रूप से जटिल और तेज तर्रार जानवर हैं। इनकी फैमिली में जब किसी को मारा जाता है तो ये तनाव में चले जाते हैं। ये इमोशनली खुद को आहत महसूस करते हैं। मुझे लगा कि ये इंसान की तरह ही हैं। इसके बाद मैं एक कोपेनहागन में एक जादूगर के पास गया। उसने मुझसे कहा कि तुम्हें बकरी बनना चाहिए। मुझे लगा कि वह जादूगरनी सही थी।