फैमिली के साथ करना चाहते हैं मस्ती तो जाइए शिलांग

यह जगह, यहां के लोग, यहां के फूल-पौधे, यहां की वनस्पतियां, यहां की जलवायु सारी चीजें मिलाकर शिलांग को एक आदर्श विश्राम व पर्यटक स्थल बनाती हैं। शिलांग में पर्यटकों के लिए अच्छे होटल, खेल सुविधाएं, मछली पकड़ने, पहाड़ों पर पैदल चलने व हाईकिंग की भी सुविधाएं हैं। शिलांग शहर में और आसपास कई दर्शनीय स्थान हैं।

वाडर्स लेक

शिलांग में एक खूबसूरत सी झील है जिसे वाडर्स लेक के नाम से जाना जाता है। यह शहर के बीचोंबीच है। इस झील का पानी इतना साफ है कि अंदर से तैरती मछलियां नजर आती हैं। यहां पर नौका विहार कर सकते हैं। इससे साथ ही जुड़ा बोटैनिकल गार्डन भी अवश्य देखें। यहां पर रंगबिरंगी चिडि़यां मन को मोह लेती हैं।

लेडी हैदरी पार्क व मिनी जू

यह पार्क भी शिलांग शहर में ही है। इस पार्क का नाम अकबर हैदरी की पत्नी के नाम पर रखा गया है। बच्चों के लिए यहां पर एक मिनी जू भी है साथ ही एक खूबसूरत झरना और स्वीमिंग पूल भी। साथ ही एक रेस्तरां भी है जहां पर्यटकों के लिए शाम को कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

पोलो ग्राउंड

शिलांग में पोलो ग्राउंड अपनी एक अलग ही विशिष्टता के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर तीर का खेल खेला जाता है। इस खेल के जरिये खासी जनजाति के लोग आज भी अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े प्रतीत होते हैं। इस खेल के लिए लाटरी की तरह टिकट खरीदे जाते हैं और खासी आरचरी एसोसिएशन के तीरंदाज एक बांस के टार्गेट पर चार मिनट में 1500 तीर छोड़ते हैं जिसके तीर निशाने पर लगते हैं वे गिने जाते हैं और वही नंबर सट्टेबाजी में खोला जाता है। इसका जन्म प्राचीन जनजातीय खेलों से हुआ हैं।

शिलांग गोल्फ कोर्स

यह भी शिलांग शहर में है और भारत का तीसरा सबसे बड़ा और सबसे पुराना 18 होल का गोल्फ कोर्स है। इसको पूर्व का ‘ग्लैनईगल’ कहा जाता है।

मेघालय स्टेट म्यूजियम

शिलांग जाने पर स्टेट म्यूजियम अवश्य देखना चाहिए क्योंकि यहां पर मेघालय राज्य के लोगों के सांस्कृतिक जीवन और मानवजातीय अध्ययन से जुड़ी वस्तुएं रखी हुई है। इस संग्रहालय के ठीक सामने सबसे पुराना सेंट कैथोलिक चर्च भी है।

शिलांग से कुछ दूरी वाले दर्शनीय स्थान

स्वीट फाल

शिलांग से आठ किलोमीटर दूर हैप्पी वैली के पास यह स्थित है। इसको देख कर ऐसा आभास होता है कि पेंसिल के आकार के एक मोटे वाटर पाईप से 200 फुट नीचे पानी गिर रहा है। यह दिनभर की आउटिंग और पिकनिक के लिए अच्छी जगह है।

शिलांग पीक

अपने नाम के अनुकूल यह पीक शिलांग से दस किलोमीटर दूर है और 1960 मीटर ऊंची है। यह चोटी एक पर्यटन स्थल भी है और हर साल बसंत के समय यहाँ के निवासी शिलांग के देवता की पूजा करते हैं। शाम के समय शहर की रोशनी यहां से देखने पर ऐसी लगता है मानो जमीन पर ही ‘तारा मंडल’ आ गया है। साफ मौसम में इस चोटी से हिमालय की श्रंखलाएं और बांग्लादेश के मैदानी इलाके भी साफ दिखाई देते हैं।

कैसे पहुंचे

कोलकाता से सप्ताह में छह दिन एलायंस एयर की उड़ान उमरोई एयरपोर्ट जाती है जो शिलांग से 35 किलोमीटर दूर है। देश के अन्य क्षेत्रों से गुवाहाटी एयरपोर्ट आया जा सकता है। यहां से शिलांग सौ किलोमीटर दूर है।गुवाहाटी तक रेलमार्ग द्वारा देश के मुख्य शहरों से यहां आया जा सकता हैं। गुवाहाटी से शिलांग जाने के लिए बस, टैक्सी और हेलीकाप्टर की सुविधा उपलब्ध है।

मौसम

यहां का मौसम साल के 12 महीनें खुशनुमा रहता है। अधिकतम तापमान अप्रैल-मई के महीने में 28 डिग्री सेल्शियस और न्यूनतम दिसंबर महीने में 2 डिग्री सेल्शियस तक पहुंच जाता है।

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