फैक्ट्रियों का सरकारी ऑडिट होगा खत्म!

इंदौर. 10 से 20 कर्मचारियों की गैर खतरनाक फैक्ट्रियां भविष्य में सरकारी ऑडिट (निरीक्षण) से बच जाएंगी। औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग मध्यप्रदेश ने थर्ड पार्टी से इनका ऑडिट कराने का खाका तैयार किया है। थर्ड पार्टी टीम के नाम फैक्ट्री एडवाइस सर्विस एंड लेबर इंस्टिट्यूट (फासली) के महानिदेशक तय करेंगे।औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के अधिकृत सूत्रों का कहना है, गैर खतरनाक फैक्ट्रियों के सालाना ऑडिट एनजीओ या निजी लोगों से कराने की तैयारी है। प्रस्ताव है कि यदि थर्ड पार्टी ने एक बार निरीक्षण कर उसकी रिपोर्ट संबंधित जिले के श्रम पदाधिकारी को सौंप दी तो उस साल में दोबारा उस फैक्ट्री का निरीक्षण नहीं हो सकेगा।125 घंटे का ओवरटाइमकारखाना अधिनियम 1948 में संशोधन करते हुए श्रमिकों को भी कुछ छूट दी गई हैं। फैक्ट्रियों में कोई भी कर्मचारी एक तिमाही में 125 घंटे काम कर सकेगा। कारखाना अधिनियम में संशोधन से पहले 75 घंटे ओवरटाइम करने की छूट थी। इसके अतिरिक्त अर्न लीव के नियमों में भी संशोधन किया गया है। पहले 240 दिन में अर्न लीव का प्रावधान था। अब 180 दिन में अर्न लीव का प्रावधान है। 20 दिन में एक दिन अर्न लीव मिलेगी।

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