फेक न्यूज़ को पकड़ने के लिए व्हाट्सएप लाएगा नया फीचर

न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश को लॉक डाउन कर दिया है और सभी से अपील की है कि सब लोग घर रहे बाहर न निकले। पीएम मोदी के इस ऐलान और कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच अफवाहों का बाजार गर्म हो गया है।
सोशल मीडिया में कई तरह की फेक न्यूज़ वायरल हो रही है, जिसके वजह से अफरा तफरी का माहौल बनता जा रहा है। अफवाहों को रोकने के लिए सोशल मीडिया साइट WhatsApp ने एक पहल की है।
दरअसल, WhatsApp एक ऐसा फीचर ला रहा है जिससे आसानी से अफवाहों पर रोक लगाई जा सकेगी। गौरतलब है कि WhatsApp के जरिए अफवाहों को फैलने में जरा सी देरी नहीं लगती। एक मैसेज को फॉरवर्ड कर गलत जानकारी को लोगों में फैलाया देखा गया है।
WhatsApp इसी को ध्यान में रखते हुए एक नए फीचर पर काम कर रहा है, जो अफवाहों पर लगाम लगाने में मददगार साबित हो सकेगा। ये फीचर आप के मोबाइल पर आये मैसेज को क्रॉस चेक करेगा जिसके जरिए आपको पता चल जाएगा कि बात कितनी सही है और कितनी गलत।
WhatsApp’s Beta Info के मुताबिक WhatsApp’s Beta अपडेट “फ्रीक्वेंटली फॉरवर्ड मैसेज” को सर्च करने का ऑप्शन देता है। जो वॉट्सऐप मैसेज का लेबल बताने में मदद करेगा, यानी कि आप के पास आया हुआ मैसेज कितनी बार फॉरवर्ड किया गया है, टॉप लिस्ट पर मैसेज के होने से साफ पता चल सकेगा कि मैसेज में कितनी सच्चाई है और कितनी अफ़वाह। अगर मैसेज टॉप लिस्ट में शामिल है तो इसे अफवाह माना जा सकता है।
WhatsApp का ये नया फीचर एक “मैग्नीफाइंग ग्लास” आइकन के रूप में फॉरवर्ड मैसेज के साथ आएगा। फॉरवर्ड मैसेज आने पर अगर आप मैग्नीफाइंग ग्लास पर क्लिक करते हैं तो वो गूगल सर्च कर आपको उसकी जानकारी दे देगा। वॉट्सऐप ने कनर्फम करते हुए कहा कि इस वक्त इस फीचर की टेस्टिंग चल रही है, जल्द ही इस फीचर को अपडेट कर दिया जाएगा।
WhatsAppके प्रवक्ता का कहना है कि इस फीचर को निकालने का एक ही मकसद है कि गलत अफवाहों को फैलने से रोका जा सके। गलत अफवाहों के चलते माहौल को खराब करने में ज़रा सी देरी नहीं लगती। इसी को रोकने के लिए इस फीचर को अपडेट किया जा रहा है।
बताते चलें कि सीएए-एनआरसी के दौरान अफ़वाहों को नेटवर्किंग साइट जैसे WhatsApp, फेसबुक, ट्विटर के जरीए गलत अफवाहें फैलाई गई थी, जिसके बाद देश भर में तनावपूर्ण माहौल बन गया था। सरकार ने अफवाहों पर काबू पाने के लिए इंटरनेट पर कई दिनों तक पाबंदी लगा दी थी.

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