फतेहपुर: सफलता के नए आयाम रच रहा है यह शख्स, प्रकाशित हो चुकी हैं 2 किताबें

फतेहपुर । चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से बी.ए.एम.एस. की पढ़ाई कर रहे डॉ. विकास ने प्रेम पर आधारित एक काव्य-संग्रह “ये दिल चाहता है” लिखा है। इसकी कविताएं युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो रही हैं। इस पुस्तक के बारे में डॉ. विकास ने बताया कि- ये उनके “विद्यार्थी और रिश्ते” के बाद की दूसरी पुस्तक है।

इस पुस्तक की विशेषता यह है कि- इसमें प्रेम के साथ ही साथ समाज पर आधारित उन समस्त विषयों को भी समाहित किया गया है जो आज के परिवेश में लगभग सभी के साथ घटित हो रहे हैं। क्योंकि आज के इस परिवेश में घृणा व नफरत ने इंसान के दिल में अपनी जगह बना ली है जो आधुनिक मानसिक विकारों के उत्पन्न होने की प्रथम सीढ़ी है।

इस पुस्तक के माध्यम से समाज के लोगों में नफरत को भगाते हुए प्रेम की अलख जगाना है। यही वजह है कि पुस्तक को युवा वर्ग से निरन्तर काफी स्नेह व सराहना मिल रही है। अभी हाल ही में इस पुस्तक में समाहित व विकास के ही गाये गए कुछ गीतों के एक एल्बम- “ये जो तुम्हारी आंखें हैं न” की सीरीज रिलीज हुई है, जिसे अंजलि स्टूडियो फतेहपुर ने निर्देशित किया है।

महामना पंडित मदन मोहन मालवीय, स्वामी विवेकानंद व डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानने वाले विकास के व्यक्तित्व को बताती उनके पुस्तक की ही कुछ पंक्तियाँ हैं।

दुपहरी जेठ वाली को भी सावन करके जाऊँगा,

बुझे जज्बों को भी इक दिन मैं यौवन करके जाऊँगा,

अंधेरे इसलिए भी साथ रहते हैं सदा मेरे,

इन्हें मालूम है इनको मैं रोशन करके जाऊँगा।।

इसी शानदार व्यक्तित्व और समाजसेवा का परिणाम है कि इतनी कम उम्र में ही डॉ. विकास अपने गाँव/क्षेत्र के बच्चों की शिक्षा में मार्गदर्शन व सहयोग को समर्पित संस्था “मिशन बदलाव युवा समिति” के संस्थापक भी हैं। विकास फतेहपुर जिले के गांव फतेहपुर मटिहा से ताल्लुख रखते हैं, इसलिए उन्होंने गांव पर कई  रचनाएं लिखी हैं, जिनमें गांव के पवित्रता एवं संस्कार पर लिखी गयी – हाँ, मैं गँवार हूँ रचना उनकी सबसे ज्यादा प्रचलित रचनाओं में से एक है जिसकी कुछ पंक्तियाँ हैं।

हमारे दिल में बसता है हमारा गाँव क्योंकि,

हमारे दुख में उसका प्यार हमसे बोलता है,

किसी के दिल में बसकर दिल किसी का ना दुखाना,

हमारे गाँव का संस्कार हमसे बोलता है।।

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