प्रेग्नेंसी में हार्ट हेल्‍दी रखने के आसान तरीके जान लें- 

प्रेग्नेंसी का समय, एक मह‍िला के ल‍िए बेहद नाजुक होता है। इस दौरान उसे कई शारीर‍िक और मानस‍िक चुनौत‍ियों का सामना करना पड़ता है। प्रेग्नेंसी के दौरान अगर मह‍िला के शरीर के सभी अंग ठीक ढंग से कार्य नहीं करेंगे, तो हेल्‍दी प्रेग्नेंसी प्रभाव‍ित हो सकती है। हार्ट हमारे शरीर का महत्‍वपूर्ण अंग है, इसके ब‍िना शरीर जीव‍ित नहीं रह सकता। प्रेग्नेंसी में हार्ट हेल्‍थ का ख्‍याल न रखने से जच्‍चा-बच्‍चा की जान को जोख‍िम उठाना पड़ सकता है। प्रेग्नेंसी में ब्‍लड सर्कुलेशन प्रभाव‍ित होता है। इसका बुरा असर हार्ट पर पड़ सकता है। शरीर में ब्‍लड सर्कुलेशन में गड़बड़ी के कारण हार्ट की बीमार‍ियों का खतरा बढ़ जाता है। प्रेग्नेंसी में अन‍ियम‍ित द‍िल की धड़कन, स्पॉन्टेनियस कोरोनरी आर्टरी डिसेक्शन, मायोकार्डियल इस्किमिया और हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्‍याओं का असर होने वाली मां और गर्भस्‍थ श‍िशु दोनों पर पड़ता है।8 मार्च को व‍िश्‍व मह‍िला द‍िवस मनाया जाता है। इसी कड़ी में आज हम आपको बताएंगे क‍ि प्रेग्नेंसी के दौरान हार्ट को हेल्‍दी रखने के ल‍िए क्‍या कुछ कर सकती हैं आप।

प्रेग्नेंसी में हार्ट को स्‍वस्‍थ्‍य कैसे रखें?- 

1. हार्ट की बीमारी के लक्षणों को पहचानें-

प्रेग्नेंसी में हार्ट को हेल्‍दी रखने के ल‍िए कुछ लक्षणों पर गौर करना चाह‍िए। अगर ये लक्षण नजर आ रहे हैं, तो तुरंत जांच करवाएं क्‍योंक‍ि ये हार्ट की बीमारी के लक्षण हो सकते हैं-     

  • बार-बार स‍िर घूमना।   
  • प्रेग्नेंसी में सांस लेने में द‍िक्‍कत हो सांस फूल रही हो।
  • द‍िल की धड़कन अचानक से बढ़ जाना। 
  • सीने में दर्द महसूस होना।
  • अचानक पसीना आना।  
  • बार-बार घबराहट महसूस होना।

2. समय-समय पर बीपी चेक करवाएं-    

द‍िल से जुड़ी बीमार‍ियों से बचने के ल‍िए समय-समय पर बीपी की जांच करवाएं। अगर कोलेस्‍ट्रॉल की समस्‍या है, तो बैड कोलेस्‍ट्रॉल की जांच भी करवाते रहें। प्रेग्नेंसी में सीने के दर्द को गैस समझकर नजरअंदाज नहीं करना चाह‍िए। ये हार्ट की बीमारी के लक्षण हो सकते हैं।

3. प्रेग्नेंसी में अत‍िर‍िक्‍त चर्बी से बचें-

प्रेग्नेंसी के दौरान ओवरवेट होने की स्‍थ‍ित‍ि से बचना जरूरी है। शरीर में फैट बढ़ने के कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। मोटापे के कारण हार्ट की बीमार‍ियां सेहत को प्रभाव‍ित करती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान वजन कंट्रोल में रखने के ल‍िए योगा, ब्रीद‍िंग एक्‍सरसाइज, ब्र‍िस्‍क वॉक आद‍ि का सहारा ले सकते हैं। हार्ट को हेल्‍दी रखना चाहती हैं, तो डाइट में फाइबर शाम‍िल करें। रात को समय पर सोएं, लेटकर खाने की आदत छोड़ दें और 3 बड़े मील्‍स लेने के बजाय द‍िनभर में 5 हेल्‍दी मील्‍स का सेवन करें।

4. प्रेग्नेंसी में हेल्‍दी डाइट ट‍िप्‍स फॉलो करें-

  • प्रेग्नेंसी में होल ग्रेन्‍स या साबुत अनाज, फल, हरी सब्‍ज‍ियों का सेवन करें।
  • प्रेग्नेंसी में हार्ट को हेल्‍दी रखने के ल‍िए नमक, फैट और शुगर की मात्रा कम कर दें। 
  • डाइट में ओमेगा 3 फैटी एस‍िड शाम‍िल करें। इससे आर्टरीज में सूजन कम होती है और हार्ट को सुरक्षा म‍िलती है।
  • प्रेग्नेंसी में पानी की कमी से बचें। हर द‍िन 8 से 10 ग‍िलास पानी का सेवन करें।
  • प्रेग्नेंसी में एल्‍कोहल और स‍िगरेट का सेवन न करें। एल्‍कोहल के सेवन से कोलेस्‍ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है और हार्ट को नुकसान पहुंच सकता है। 

5. प्रेग्नेंसी में तनाव से बचें-

प्रेग्नेंसी में ज्‍यादा तनाव लेने से हार्ट की बीमार‍ियों का खतरा बढ़ सकता है। अगर हार्ट रेट बढ़ा होगा, तो सामान्‍य ड‍िलीवरी की आशंका घट जाएगी। तनाव मुक्‍त रहने और हार्ट की बीमार‍ियों से दूर रहने के ल‍िए हर द‍िन मेड‍िटेशन करें। योग की मदद लें, डीप ब्रीथिंग एक्‍सरसाइज भी कर सकती हैं। तनाव कम करने के ल‍िए ओवरथ‍िक‍िंग से भी बचें। प्रेग्नेंसी में तनाव कम करके आप एक सेफ ड‍िलीवरी सुन‍िश्‍च‍ित कर सकती हैं, तनाव बढ़ने की स्‍थ‍ित‍ि में बीपी भी बढ़ जाता है ज‍िससे स‍िजेर‍ियन का जोख‍िम उठाना पड़ सकता है।

ऊपर बताई 5 ट‍िप्‍स को फॉलो करेंगी, तो प्रेग्नेंसी में हार्ट की समस्‍याओं से बच सकती हैं। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।  

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