प्राथमिक विद्यालयों में खाली पड़े उर्दू शिक्षकों के पदों में तैनाती की उठने लगी है मांग

प्राथमिक विद्यालयों में खाली पड़े उर्दू शिक्षकों के पदों में तैनाती की मांग उठने लगी है। नगर पालिका के सभासदों ने उर्दू डिप्लोमाधारकों की मांग का समर्थन करते हुए खाली पदों में नियुक्ति की मांग की है। गुरुवार को पालिका सभासद उर्दू डिप्लोमाधारकों के साथ उपखंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पहुंचे। उन्होंने उपशिक्षा अधिकारी वंदना रौतेला को संबोधित ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में उर्दू डिप्लोमाधारकों ने कहा कि उतराखंड सरकार ने इसी साल अगस्त में प्राथमिक स्कूलों में खाली पड़े उर्दू शिक्षकों के 144 पदों में तैनाती की घोषणा की थी। इससे डिप्लोमाधारी अपनी नियुक्ति की उम्मीद में खुश हुए थे। कई महीने बीतने के बाद भी सरकार ने अब तक नियुक्ति की कार्रवाई शुरू नहीं की है। जिससे उनमें हताशा का माहौल हो रहा है।

उन्होंने उर्दू शिक्षा का डिप्लोमा लिया था। लेकिन भर्ती नहीं होने से उनकी उम्र भी निकलती जा रही है। जिले में उर्दू शिक्षकों के 28 पद खाली है। जबकि रामनगर के दस प्राथमिक स्कूलों में भी उर्दू शिक्षकों के पद खाली है। घोषणा के बाद राज्य सरकार भर्ती के लिए गंभीर नहीं है। पद नहीं भरने से मुस्लिम समाज के बच्चे उर्दू की शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। उन्होंने सरकार से जल्द उर्दू शिक्षकों की भर्ती की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में सभासद मुजाहिद, सभासद अजमल, मेहताब अली, सलमान सलमानी मौजूद रहे।

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