प्रधानमंत्री मोदी ने पोस्ट-बजट वेबिनार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित किए गए पोस्ट-बजट वेबिनार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया।

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाई देने के लिए लीक से हटकर सोचना होगा और दीर्घकालिक योजना बनानी होगी।

उन्होंने अपने संबोधन के दौरान यह भी कहा कि आज का ‘नया भारत नए वर्क कल्चर’ के साथ आगे बढ़ रहा है। इस बार भी बजट की खूब वाह-वाही हुई है। देश के लोगों ने इसे पॉजिटिव तरीके से लिया है।

उन्होंने कहा कि जब भी कोई टूरिस्ट डेस्टिनेशन को विकसित करने की बात आती है तब तीन सवाल बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। पहला- उस स्थान का Potential क्या है? दूसरा- Ease of Travel के लिए वहां की Infrastructural Need क्या है, उसे कैसे पूरा करेंगे? तीसरा – Promotion के लिए नया क्या करेंगे?

उन्होंने कहा कि भारत के संदर्भ में देखें तो टूरिज्म का दायरा बहुत बड़ा है। सदियों से हमारे यहां यात्राएं होती रही हैं, ये हमारे सांस्कृतिक-सामाजिक जीवन का हिस्सा रहा है।

पीएम ने कहा कि जब संसाधन नहीं थे, तब भी कष्ट उठाकर लोग यात्राओं पर जाते थे। चारधाम यात्रा, द्वादश ज्योर्लिंग की यात्रा, 51 शक्तिपीठ की यात्रा, ऐसी कितनी ही यात्राएं हमारे आस्था के स्थलों को जोड़ती थीं। हमारे यहां होने वाली यात्राओं ने देश की एकता को मजबूत करने का भी काम किया है।

उन्होंने कहा कि यात्राओं की इस पुरातन परंपरा के बावजूद दुर्भाग्य ये रहा कि इन स्थानों पर समय के अनुकूल सुविधाएं बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया। पहले सैकड़ों वर्षों की गुलामी और आजादी के बाद के दशकों में इन स्थानों की राजनीतिक उपेक्षा ने देश का बहुत नुकसान किया। अब आज का भारत इस स्थिति को बदल रहा है।

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