प्रदूषण पर दिल्ली में क्रेडिट वॉर, 4-15 नवंबर तक चलेगा ऑड-ईवन…

देश की राजधानी दिल्ली हर साल सर्दियों में गैस चैंबर बन जाती है, जिसकी खबरें दुनियाभर के अखबारों में छपती हैं. इस बार दिल्ली की राज्य सरकार प्रो-एक्टिव कदम उठा रही है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर ऑड-ईवन का फॉर्मूला लागू करने की बात की तो वहीं अब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि इसकी अब जरूरत नहीं है. लेकिन इसी के साथ ही प्रदूषण के दावों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने हैं.

क्या बोले अरविंद केजरीवाल?

दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि उनकी सरकार के द्वारा कई ऐसी योजनाएं चलाई जा रही हैं जिनसे प्रदूषण में कमी आई है. केजरीवाल बोले कि आज से तीन-चार साल पहले दिल्ली में लाखों जेनरेटर इस्तेमाल में आते थे, लेकिन अब दिल्ली वालों को 24 घंटे बिजली मिलती है ऐसे में जेनरेटर की जरूरत ही नहीं है.

इसके अलावा अरविंद केजरीवाल की ओर से अब मास्क बांटने, जागरुकता अभियान चलाने समेत कई प्लान की बात कही जा रही है.

नितिन गडकरी ने किया ये दावा

हालांकि, अरविंद केजरीवाल के द्वारा ऑड-ईवन लागू किए जाने से नितिन गडकरी सहमत नहीं हैं. साथ ही दिल्ली में प्रदूषण की आई कमी को लेकर उन्होंने अपनी केंद्र सरकार की पीठ थपथपाई है. नितिन गडकरी ने कहा है कि अब दिल्ली को ऑड ईवन की जरूरत नहीं है, इससे फायदा नहीं बल्कि लोगों को परेशानी होगी.

नितिन गडकरी ने इस दौरान उनके कार्यकाल में बने ईस्टर्न-एक्सप्रेस पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे और रिंग रोड जैसे प्रोजेक्ट को गिनाया. और कहा कि अब दिल्ली में 50 हजार से अधिक वाहन बाहर से होकर ही गुजर जाते हैं ऐसे में प्रदूषण में काफी कमी आई है.

केंद्रीय मंत्री के अलावा दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि दिल्ली सरकार प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में कोई काम नहीं कर रही है, प्रदूषण पर अरविंद केजरीवाल कन्फ्यूज़ हैं.

कांग्रेस का भी बयान आया सामने

कांग्रेस नेता जेपी अग्रवाल ने इस फैसले पर कहा है कि ये सिर्फ जनता को धोखा देने वाली बात है, इनके पास कोई ठोस रणनीति नहीं है. अग्रवाल ने कहा कि अगर 25 फीसदी प्रदूषण कम हुआ है, तो आपकी वजह से या फिर मौसम में बदलाव की वजह से.

गौरतलब है कि इससे पहले भी जब ये प्रोजेक्ट कार्यरत थे तब भी गडकरी की ओर से प्रदूषण में कमी आने का दावा किया गया था. उन्होंने कहा है कि अभी भी दिल्ली में 50 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी और दो साल में स्थिति और भी बेहतर होगी.

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