पूर्वांचल में गठबंधन के लिए भाजपा का प्रयास जारी, अमित शाह इस करेंगे दौरा

सपा-बसपा के गठबंधन के कारण 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए वाराणसी एक बार फिर अहम केंद्र बनने जा रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का मिर्जापुर में चार जुलाई का दौरा पूर्वांचल की चुनावी रणनीति में पटेल और राजभर बिरादरी को साधने से जोड़कर देखा जा रहा है।पूर्वांचल में गठबंधन के लिए भाजपा का प्रयास जारी, अमित शाह इस करेंगे दौरा

इस दौरान वाराणसी में आईटी सेल को भी सक्रिय किया जाएगा, ताकि केंद्र सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ ही विरोधियों के जुबानी हमलों का बखूबी जवाब दिया जा सके। 

जानकारों की मानें तो इस दौरे में शाह पूर्वांचल के मतदाताओं के भाव समझकर उसके मुताबिक पार्टी को रणनीति तैयार करने की सलाह देंगे। पार्टी को पता है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी, मिर्जापुर और आजमगढ़ मंडल में बसपा ने सीट भले ही नहीं जीती थी, पर उसके प्रत्याशियों को सपा से भी ज्यादा वोट मिले थे।

ऐसे में गठबंधन के बाद हालात बहुत अनुकूल नहीं हैं। मुलायम सिंह यादव द्वारा आजमगढ़ सीट छोड़ने के बाद भाजपा ने यहां अपनी नजर गड़ा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आजमगढ़ दौरा इसी मकसद से कराया जा रहा है। 

चार जुलाई के दौरे में यह भी तय हो जाएगा कि मंत्रिमंडल के अगले विस्तार में पूर्वांचल को कैसे महत्व दिया जाए। जमीनी हकीकत की पड़ताल और फीडबैक के बाद मंथन कर तालमेल बढ़ाने पर फैसला किया जाएगा।

गोरखपुर-बस्ती मंडल की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी गई है, जबकि वाराणसी और मिर्जापुर की कमान फिलहाल अमित शाह ने खुद संभाल ली है।

सूत्र तो यह भी कहते हैं कि चुनाव से पहले तक पीएम मोदी और शाह के पूर्वांचल दौरों की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव जैसा परचम 2019 के लोकसभा चुनाव में भी फहरा सके। 

ओपी राजभर की उम्मीदें और रुख मंत्रिमंडल विस्तार पर टिका

सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के बारे में भाजपा के राष्ट्रीय से लेकर प्रदेश नेतृत्व तक का मानना है कि उनके किसी भी बयान पर प्रतिक्रिया नहीं दी जाए।

दरअसल, पार्टी जानती है कि बदले हुए राजनीतिक समीकरण में उसे पूर्वांचल के लिए राजभर की जरूरत ज्यादा है। लोकसभा चुनाव तक पार्टी ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहती है, जिससे मतदाताओं में गठबंधन में दरार का संदेश जाए।

राजभर भी आए दिन बयान देकर माहौल बनाते रहते हैं। इससे निपटने के लिए उन्हें मंत्रिमंडल विस्तार में मौजूद विभाग बदलकर ऐसा विभाग देने की योजना है, ताकि वह अपने वर्ग के मतदाताओं के हित में बेहतर काम कर सकें। माना जा रहा है कि इसके बाद राजभर लोकसभा चुनाव तक शांत हो जाएंगे।

सोनेलाल पटेल की पुण्यतिथि समारोह में पीएम मोदी को बुलाने की योजना
लोकसभा चुनाव से पहले संगठन विस्तार में लगी अपना दल (एस) दो जुलाई को संस्थापक सोनेलाल पटेल का जयंती समारोह इस बार लखनऊ में मना रही है। दो साल से पार्टी वाराणसी के जगतपुर इंटर कॉलेज के मैदान में कार्यक्रम करती थी।

दो साल पहले जयंती के मौके पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अद (एस) के साथ विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन की घोषणा यहीं की थी। बाद में अनुप्रिया पटेल को केंद्र में मंत्री बनाया गया।

भाजपा की सरकार बनने पर 2017 में मुख्यमंत्री योगी भी जयंती समारोह में शामिल हुए थे। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य आशीष सिंह पटेल का कहना है कि 17 अक्तूबर को पुण्यतिथि समारोह वाराणसी में किया जाएगा। समारोह के लिए प्रधानमंत्री मोदी को भी आमंत्रित किया जाएगा।

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