पीसीएस में चयनित होकर सीएमएस की छात्राओं ने किया गौरवान्वित

प्रथम प्रयास में ही एसडीएम बनीं फाल्गुनी सिंह
गौरीशा श्रीवास्तव का बीडीओ के लिए हुआ चयन
लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल की दो प्रतिभाशाली छात्राओं फाल्गुनी सिंह (26वीं रैंक) एवं गौरीशा श्रीवास्तव (136वीं रैंक) ने अभी हाल ही में घोषित हुए पी.सी.एस. परीक्षा परिणाम में सफलता अर्जित कर लखनऊ का नाम गौरवान्वित किया है। इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सी.एम.एस. गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) की छात्रा फाल्गुनी सिंह ने 26वीं रैंक अर्जित कर अपनी सफलता का परचम लहराया है और उन्हें एस.डी.एम. पद हेतु चयनित किया गया है। फाल्गुनी ने प्रथम प्रयास में ही यह उपलब्धि अपने नाम की है। फाल्गुनी ने कक्षा-7 से कक्षा-12 तक की शिक्षा सी.एम.एस. गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) से प्राप्त की एवं वर्ष 2012 में आई.एस.सी (कक्षा-12) की बोर्ड परीक्षा 95.40 प्रतिशत अंको से उत्तीर्ण की। इसी प्रकार, सी.एम.एस. कानपुर रोड कैम्पस की छात्रा गौरीशा श्रीवास्तव को 136वीं रैंक के साथ ब्लाक डेवलपमेन्ट ऑफीसर के पद पर चयनित किया गया है। गौरीशा ने मान्टेसरी से लेकर 12वीं तक की शिक्षा सी.एम.एस. कानपुर रोड कैम्पस से प्राप्त की है। सी.एम.एस. की इन मेधावी छात्राओं ने अपनी सफलता का श्रेय सी.एम.एस. शिक्षकों के मार्गदर्शन, विद्यालय के प्रेरणादायी शैक्षिक वातावरण एवं अपने माता-पिता के आशीर्वाद को दिया है।
सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने विद्यालय की इन मेधावी छात्राओं की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए विश्वास व्यक्त किया है कि सी.एम.एस. की ये होनहार छात्राएं अपने कार्यक्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ ही आदर्श समाज की संरचना में रचनात्मक योगदान देगी। इन छात्राओं की सफलता पर पूरे सी.एम.एस. परिवार को गर्व है। सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. की इन मेधावी छात्राओं की सफलता पर पूरे सी.एम.एस. परिवार को गर्व है, जिन्होंने अपनी मेधा, प्रतिभा व लगन से लखनऊ का नाम रोशन किया है। यह बड़े गर्व की बात है कि सी.एम.एस. के छात्र आई.ए.एस. एवं पी.सी.एस., जैसी अत्यन्त प्रतिष्ठित परीक्षाओं में सफलता अर्जित कर सी.एम.एस. का गौरव बढ़ा रहे हैं। सी.एम.एस. अपने छात्रों को उत्कृष्टता की ओर सतत् प्रयासरत रहने को प्रेरित करता है एवं इसी अनुरूप उन्हें भविष्य की चुनौतियों हेतु तैयार करता है। यही कारण है कि सी.एम.एस. छात्र आज विश्व स्तर पर अपनी उपलब्धियों का परचम लहरा रहे हैं।

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