पाकिस्तान में सेना फिर कर सकती है तख्तापलट?

Pakistan_Army_largeइस्लामाबाद (16 सितंबर): पाकिस्‍तानी संसद के सीनेट के प्रमुख रजा रब्‍बानी ने सैन्‍य तख्‍तापलट की आशंका जतायी है। उन्‍होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर इसे रोकने के लिए संविधान का सख्‍ती से पालन या इसमें जरूरी बदलाव नहीं किए गए, तो कभी भी सेना सरकार का तख्‍ता पलट सकती है। इंटरनेशनल डे ऑफ डेमोक्रेसी के मौके पर मंगलवार को रब्‍बानी ने एक कार्यक्रम में यह बात कही है।

पाकिस्तान में सेना द्वारा तख्ता पलट किए जाने की कुछ घटनाएं हो चुकी हैं और आजादी के बाद अब तक 68 साल में से लगभग आधे समय देश में सैन्य शासन रहा है। विपक्षी नेताओं ने शक्तिशाली सेना और सरकार के बीच बढ़ते अलगाव को लेकर आशंका जताई थी। पूर्व में, देश में सीधे शासन करने के लिए सेना ने चार बार चुनी हुयी सरकार को अपदस्थ कर दिया और संविधान के अनुच्छेद छह के बावजूद सैन्य हस्तक्षेप जारी रहा। इस अनुच्छेद में संविधान को रद्द करने को ‘घोर राजद्रोह’ का अपराध करार दिया गया है और इसके लिए मौत की सजा का प्रावधान है।

रब्बानी ने कहा, ‘मेरा मानना है कि अनुच्छेद छह बेमानी हो गया है। हमारी कमजोरियों ने इसे बेमानी बना दिया है। मेरी नजरों में, संविधान का कोई प्रावधान लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर सकता।’ उन्होंने कहा कि केवल देश की जनता सेना को सत्ता पर कब्जा करने से रोक सकती है।

रब्बानी ने कहा, ‘केवल जनता ही लोकतंत्र की रक्षा कर सकती है।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक और सैन्य हस्तक्षेप का सामना नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, ‘देश की अंदरूनी और बाहरी स्थिति को देखते हुए लोकतंत्र के अलावा कोई अन्य व्यवस्था संघ (फेडरेशन) को यथावत नहीं रख सकती।’ पाकिस्तान में अंतिम सैन्य शासन परवेज मुर्शरफ का था जिन्होंने 1999 में सत्ता संभाली थी लेकिन 2008 में उन्हें इस्तीफा देने के लिए बाध्य होना पड़ा था।

मुशर्रफ के खिलाफ वर्ष 2013 में घोर राजद्रोह का एक मामला दर्ज किया गया था लेकिन सेना के दबाव के कारण उसे प्रभावी तरीके से छोड़ दिया गया। बहरहाल प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार ने मुशर्रफ को विदेश जाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया।

 
 
 
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