पाकिस्तान ने फिर की क्रूर हरकत, सिख जत्थे के साथ कैदियों जैसा बर्ताव
जत्थे में शामिल अधिकांश श्रद्धालुओं के चेहरों पर श्री ननकाना साहिब के दर्शन की खुशी दिखी। वहीं पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई के व्यवहार से तनाव भी झलका। पाक से लौटे मंगल सिंह ने बताया कि इस बार श्री ननकाना साहिब में दो स्टेज लगी थी। एक स्टेज से कनाडा, जर्मनी व अन्य देशों से आए गरमख्याली नेताओं ने भारत विरोधी जहर उगला। श्री ननकाना साहिब में पिछले वर्ष की तुलना में संगत के ठहरने व खाने-पीने की व्यवस्था बेहतर थी।
जत्थे में शामिल श्रद्धालुओं को गुरुद्वारे से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा रखी थी। यही वजह थी कि सिख जत्था इस बार यात्रा के दौरान काफी कठिनाइयों से गुजरा। पाक की कई खुफिया एजेंसियां संगत से लंबी पूछताछ करती रही। जबकि भारत विरोधी नारेबाजी करने वाले गरमदल के विदेशी श्रद्धालुओं पर पाक मेहरबान रहा।
जब स्टेशन के अंदर लंगर बांटने पर मनाही लगाई गई।
खुफिया विभाग ने अटारी रेलवे स्टेशन पर डाला डेरा
सिख जत्थे के वापस लौटने पर भारतीय खुफिया एजेंसियों ने अटारी रेलवे स्टेशन पर डेरा डाल दिया। एजेंसियों के पदाधिकारियों ने पाक से लौटे जत्थे में शामिल संगत से बातचीत कर पाकिस्तान में यात्रा के दौरान हुई कठिनाइयों के बारे में रिपोर्ट बनाई।
श्री ननकाना साहिब में लगे खालिस्तान के नारे
श्री ननकाना साहिब में विदेशों से आए सिख जत्थों ने खालिस्तान के जमकर नारे लगाए। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई के पदाधिकारी मौजूद थे। पाक गए जत्थे को लाहौर रेलवे स्टेशन पर 100 पाक करेंसी के बदले 55 भारतीय रुपये दिए गए। संगत को लगभग 15 रुपये वापसी पर कम दिए गए। जबकि डालर व यूरो के दाम अंतरराष्ट्रीय मूल्य पर ही बदले गए।