पहली बार जिनपिंग-किम की मुलाकात को ट्रंप ने सराहा, और जापान ने चीन से पूछा- क्या हुई बात?

अमेरिका, जापान समेत संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी को दरकिनार कर लगातार मिसाइल परीक्षण करने वाले उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग-उन ने दुनिया को चौंकते हुए अपने पहले विदेशी दौरे पर चीन पहुंचे और वहां के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने किम की जमकर मेहमाननवाजी की. वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शी जिनपिंग और किम जोंग-उन की मुलाकात की जमकर तारीफ की है, जबकि जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इस मुलाकात को लेकर चीन से स्पष्टीकरण मांगा है.

पहली बार जिनपिंग-किम की मुलाकात को ट्रंप ने सराहा, और जापान ने चीन से पूछा- क्या हुई बात?साल 2011 में उत्तर कोरिया की कमान संभालने वाले किम जोंग-उन का यह पहला विदेश दौरा है, जिसकी शुरुआत उन्होंने उत्तर कोरिया के सबसे करीबी दोस्त चीन से की. उनका यह दौरा दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जाए-इन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात से पहले सामने आया है. उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून के बीच अगले महीने मुलाकात होने वाली है. इसके बाद मई में किम की मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होगी.

चीन ने अमेरिका को उत्तर कोरियाई नेता किम के दौरे की जानकारी दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर बताया कि मंगलवार रात को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने किम जोंग-उन से मुलाकात की जानकारी दी है. ट्रंप ने कहा, ‘किम मुझसे मुलाकात का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. फिलहाल यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उत्तर कोरिया पर अधिकतम प्रतिबंध और दबाव बनाए रखा जाएगा.’ बीजिंग दौरे के समय किम जोंग-उन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और वहां के उच्च अधिकारियों से मुलाकात की थी.

माना जा रहा है कि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति और अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ मुलाकात के पहले किम जोंग-उन समर्थन मांगने के लिए चीन गए थे. मालूम हो कि चीन उत्तर कोरिया का इकलौता सैन्य भागीदार देश है. इसके अलावा दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध भी हैं. उत्तर कोरिया का सबसे ज्यादा व्यापार चीन के साथ ही होता है. उधर, जापान के राष्ट्रपति शिंजो आबे ने इस मुलाकात को लेकर चीन से स्पष्टीकरण मांगा है. साथ ही उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को रोकने की मांग की है. दरअसल, उत्तर कोरिया जापान के ऊपर से दो बार मिसाइल दाग चुका है. इसको लेकर दोनों देशों के बीच काफी तनाव है.

हाल के दिनों में अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच भी तनाव देखा गया था. कोरियाई प्रायद्वीप में जंग के हालात पैदा हो गए थे. दुनिया को परमाणु युद्ध का खतरा महसूस होने लगा था. हालांकि समय के साथ दोनों देश के नेताओं के बीच बदजुबानी बंद हुई और दोनों ही बातचीत के लिए एक बेंच पर आने को राजी हो गए. माना  जा रहा है कि किम जोंग-उन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात से दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधरेंगे. अब यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि उत्तर कोरिया और अमेरिका के रिश्तों में क्या बदलाव आता है.

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