पहली बार जब उनसे मिली थी,……,पहला अहसास खुश कर देता है…..

पहला अहसास खुश कर देता है…..

वो पहलीबार जब हम मिले…बागों में फूल खिलने लगे …ये गाना तो आपने बोहत सुना होगा आइये इसके बारे में बात करते है….

वो पहलीबार जब हम मिले.

क्या तुमने कभी किसी से प्यार किया..अगर जोर से चिल्ला के तुमने बोला है किया तो आप शायद समझ जाओगे वो प्यार में पडने का आलम, जब आंखों से घर कर लेता है एक ही चेहरा, जब उसके फोन की घंटी राग यमन सा एहसास दिलाता है, जब सपनों पर राज होता है उसे जाने…वास्तव में उस समय आपको प्यार का मतलब थोडा-थोडा समझने लगते हैं आप इसे फील करना चाहती हैं. ये एहसास आपके लिए पूरी तरह नया और अनोखा होता है. अनजाने इंसान का, तब बेटा समझ जाओ कि प्यार नाम के रोग ने तुम्हें जकड लिया है. प्यार में पडने के कई चिहृ हैं, कई हाव-भाव और बॉडी लैंग्वेज हैं, जिन्हें देख और परखकर यह अंदाजा लगाने में देर नहीं होती कि फलां व्यक्ति को प्यार हो गया है और प्यार तो सिरफिरा, पागलों वाला ही होता है.

आप पहली बार जब उनसे मिली थी, तब हाथ मिलाया था. हाथ पर वह अहसास अभी भी आपको अंदर तक सहला जाता है. मन बार-बार उसी अहसास को याद करता है. कब पहली बार साथ बैठे थे, कब पहली बार एक-दूसरे को देखा था, तब कैसा महसूस हुआ था, पहली बार मिले थे तो कहां बैठे थे, कहां मिले थे, वह पहला अहसास खुश कर देता है.

घर पहुंचने के रास्ते से ही मैसेजिंग शुरू है. मैसेज से भी बात नहीं बन रही है तो फोन कर लिया. अभी अलग हुए कुछ मिनट ही हुए हैं लेकिन याद सताने लगी है. ऐसा लग रहा है कि मानो कई दिनों से मिले नहीं है.

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