पलटते ही जिंदा 11 लोगों के लिए ताबूत बनी ट्रॉली, 10 चिताओ को देख कर रो पड़ा पूरा गांव

नीमच/इंदौर.अमावस्या पर राजस्थान के सांवलियाजी मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं की ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटकर 5 फीट नीचे खाई में जा गिरी। इसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 27 लोग घायल हो गए।
पलटते ही जिंदा 11 लोगों के लिए ताबूत बनी ट्रॉली, 10 चिताओ को देख कर रो पड़ा पूरा गांव
हादसे में घायल ने बताया, मदद नहीं मिलती तो दम घुटने से हो जाती सबकी मौत…
-नीमच से 10 किमी दूर नयागांव रोड पर ट्रॉली पलटने के बाद रास्ते से गुजर रहे लोग अपना सारा काम छोड़ मदद के लिए दौड़े।
-घायलों को अस्पताल पहुंचाने में उन्होंने मदद की लेकिन जिला अस्पताल के डॉक्टर सूचना के बाद भी परिसर में बने अपने क्वाटर्स से समय पर बाहर नहीं आ सके।

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-घायलों के अस्पताल पहुंचने के बाद ऐसे तीन डॉक्टरों को दोबारा कॉल किया गया उसके बाद वे उठकर मरीजों के पास आए।

-जिला अस्पताल में हादसे की सूचना के बाद भी घायलों को लेकर कोई तैयारी नजर नहीं आई।
-स्ट्रेचर की जगह मरीजों को बोरियों और चद्दरों की झोलियों में डालकर अस्पताल में दाखिल करवाया गया। मृतकों के शव बोरी में रखकर पुलिस के जवान मर्चुरी में ले जाकर रखे।
-मैं हर साल लोगों को अपने ट्रैक्टर से नि:शुल्क सांवलिया जी दर्शन कराने ले जाता हूं। ड्राइवर को कुछ काम था तो मैं ही तैयार हो गया।
-मैंने लोगों को बैठने में सुविधा हो और उन्हें गर्मी न लगे इसके लिए एक दिन पहले ही ट्रॉली में सुकला (गेहूं का भूसा) भर लिया था।
-गुरुवार सुबह 7 बजे गांव के सभी लोगों को लेकर रवाना हुआ। खाने का सामान हम अपने साथ ही ले जाते हैं। जब हम गांव से रवाना हुए तो लोगों में काफी उत्साह था। करीब 11 बजे नीमच पहुंचे।
-यहां देव दर्शन के बाद खाना खाया। दोपहर 12.30 बजे हम यहां से आगे के लिए रवाना हुए। ट्रैक्टर फोरलेन पर दौड़ रहा था।
-1 बजे हम कानका फंटे पर पहुंचे। फंटे पर मैंने एक साथ तीन स्पीड ब्रेकर देखे। ट्रॉली में 38 लोग बैठे थे। मुझे लगा जब गाड़ी इस पर चढ़ेगी तो लोगों को समस्या होगी।
-इसलिए मैंने रोड के किनारे से होते हुए ट्रैक्टर-ट्रॉली निकालने की कोशिश की लेकिन वह अनियंत्रित हो गई और अचानक सड़क से पांच फीट नीचे ट्रॉली पलट गई। सब बदहवास हो चुके थे।
-गड्‌ढे में सबसे पहले लोग गिरे, फिर उन पर ट्रॉली में भरा सुकला। जिंदा लोग ट्राॅली के नीचे ऐसे फंसे जैसे वे ताबूत में फंसे हों।
-चीख-पुकार के बीच 27 लोगों को तो हमने ताबड़-तोड़ निकाल लिया लेकिन ट्रॉली में नीचे दबे 11 लोगों को समय पर नहीं निकाल पाए।
-इस दौरान आसपास के ग्रामीण भी आ पहुंचे। उन्होंने भी काफी सहायता की। जो लोग नीचे दबे थे वे दम घुटने के कारण दमतोड़ चुके थे।
-बाद में एक-एक कर जैसे-तैसे हमने शवों को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। ट्रॉली में कुल 38 लोग सवार थे।
 
दादी की अर्थी पर लेटाया पोते को, मां के साथ बेटी को ले गए मुक्तिधाम
-हादसे में मरने वालों में चार बच्चे भी हैं। इनकी अंतिम यात्रा भी अन्य परिजन के साथ ही निकली। हादसे में मृत 50 साल की दादी मथुराबाई की अर्थी पर ही 6 साल के लोकेश को लेटाया गया।
-इसी तरह 30 साल की मां कारीबाई की अर्थी पर 4 साल की बेटी वर्षा को मुक्तिधाम ले गए।
-ग्रामीणों के अनुसार बच्चे छोटे होने के कारण अर्थी अलग से नहीं निकाली।
-मथुराबाई के परिवार में तीन सदस्यों की मौत हुई है। इसमें दादी, पोते के अलावा मथुराबाई की ढाबला मोहन निवासी ननद रुक्मिणीबाई भी शामिल है।
-कारीबाई के परिवार में उसकी बेटी सहित दो लोग एक ही परिवार हैं।
 
10 लोगों का एक साथ अंतिम संस्कार
-उधर, सीतामऊ से 15 किलोमीटर दूर खंडेरिया काचर गांव में हादसे के बाद मातम पसर गया।
-ग्रामीणों को हादसे की खबर दोपहर 12.30 बजे ही लग गई थी। कई लोग नीमच अस्पताल पहुंचे। शवों को पोस्टमार्टम के बाद शाम को 6.15 बजे गांव लाया गया।
-गांव में ही 10 लोगों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान हर शख्स की आंखों में पानी था। 6 महिलाओं और 4 बच्चों की मौत से परिजन ही नहीं पूरा गांव स्तब्ध रह गया।
-एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार ढाबला गुर्जर गांव में किया गया।
-हादसे से पहले खंडेरिया के ग्रामीण सांवरियाजी की यात्रा को लेकर उत्साहित थे। महिलाओं ने रात में ही मेहंदी लगाकर बाकी तैयारियां कर ली थीं।
 
वाहन रोका और मदद की
– प्रत्यक्षदर्शी अर्जुन बुंदेला ने भास्कर को बताया कि हम कार से चित्तौडगढ़ जा रहे थे। कानका फंटे से 500 मीटर दूर छाया में कार खड़ी करके पानी पी रहे थे। इसी दौरान तेज गति से ट्रैक्टर-ट्रॉली निकली जिसमें लोग बैठे हुए थे।
-स्‍पीड ब्रेकर के यहां ट्रैक्टर-ट्रॉली सड़क से नीचे उतरकर पलट गई। आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे। राह चलते लोग भी रूककर मदद के लिए आए। पुलिस को सूचना दी।
-इसके बाद आसपास के लोगों की मदद से रस्सी बांधकर ट्रॉली हटाने का प्रयास किया। कुछ देर में क्रेन भी आ गई। जिसके द्वारा ट्रॉली को हटाया।
 
दोस्त मोहन के साथ नहीं गया विनोद, दोपहर को आई उसकी मौत की खबर
-गांव के विनोद पिता परसराम ने बताया हादसे में मृत मोहन उसका दोस्त था। वह सांवरियाजी साथ चलने का बोल रहा था। हमारा प्लान भी बन गया था।
-सुबह जरूरी काम आने से मैं नहीं जा पाया। दोपहर को मोहन की मौत की सूचना मिली।
दिनभर घटना की चलती रहीं चर्चाएं
-दोपहर में घटना की सूचना पर लोग जगह-जगह समूह बनाकर चर्चा करते रहे। लोग घड़ी-घड़ी फोन लगाकर घायलों व मृतकों की जानकारी लेते रहे।
-जैसे-जैसे मृतकों की जानकारी मिलती रही ग्रामीण उनके घरों में पहुंचकर सांत्वना देते रहे।
सास व भतीजे का शव देख बहू बेहोश
-घटना में गांव की मथुराबाई पति शिवनारायण लोहार व उसके पोते लोकेश पिता जगदीश का शव जैसे ही घर पहुंचा तो बहू हेमा पति लक्ष्मीनारायण बेहाेश हो गई। उसे कयामपुर अस्पताल ले जाया गया।
-घटना में मथुराबाई की ननद ढाबला गुर्जर निवासी रुक्मिणी पति किशनलाल लोहार की भी मौत हुई है। उसका शव ढाबला गुर्जर पहुंचाया गया।
 
ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवारी के उपयोग पर लगाएंगे रोक
ट्रैक्टर-ट्रॉली का उपयाेग खेती के काम में होना चाहिए। दो दिन में इस तरह की दूसरी घटना है। इनमें कुल 14 लोगों की मौत हुई है। जल्द ही कार्रवाई कर ट्रैक्टर-ट्रॉली का सवारियों के रूप में उपयोग करने पर रोक लगाई जाएगी।
रजनीश श्रीवास्तव, कलेक्टर नीमच
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