‘पद्मावती’ ही नहीं जानिए देश की इन वीरांगनाओं को भी जानें

फिल्मकार संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ की कहानी और दृश्य को लेकर बवाल शुरू हो चुका है। फिल्म में रानी पद्मावती के जौहर की कहानी को दिखाया गया है। खास बात यह है कि चित्तौड़गढ़ का किला केवल एक ही नहीं बल्कि तीन बार रानियों के जौहर का साक्षी रहा है। ऐसा तीन बार हुआ है कि जब चितौड़ के किले में रानियों ने जौहर की आग में कूद कर अपनी जान दी थी।

भंसाली की आने वाली फिल्म में रानी पद्मावती का किरदार दीपिका पादुकोण निभा रही है। कहा जाता है कि अलाउद्दीन खिलजी ने चितौड़गढ़ पर हमला कर दिया था। इस युद्ध में राजा रतन सिंह की वीरगति को प्राप्त हुए थे। उसके बाद पद्मावती ने अन्य रानियों और दासियों के साथ जौहर ​कर लिया। 

'पद्मावती' ही नहीं जानिए देश की इन वीरांगनाओं को भी जानेंइसके बाद 1534 में गुजरात के सुल्तान बहादुरशाह के आक्रमण के समय चित्तौड़ की रानी कर्णवती ने जौहर किया। कहा जाता है कि उस समय रानियों ने भी हमलावरों के सामने शस्त्र उठाए थे। इसके बाद 13000 रानियों का साथ उन्होंने जौहर कर लिया था।

फिर 1567 में दिल्ली के बादशाह अकबर के आक्रमण के समय चित्तौड़ की रक्षा कर रहे जयमल राठौड़ और पत्ता सिसोदिया की वीरांगनाओं के साथ हजारों स्त्रियों ने जौहर किया। वीरों का बलिदान और वीरांगनाओं का अग्नि स्नान चित्तौड़ की परम्परा रही है।
जब युद्ध में हार निश्चित हो जाती थी तो पुरुष मृत्युपर्यन्त युद्ध के लिए तैयार होकर वीरगति प्राप्त करने निकल जाते थे तथा स्त्रियां जौहर कर लेती थीं  यानी जौहर कुंड में आग लगाकर खुद भी उसमें कूद जाती थी।

 
 
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