भव्य फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले संजय लीला भंसाली इन दिनों कई सामाजिक संगठनों के साथ राजनेताओं के निशानें पर हैं। दरअसल विवादों की जड़ एक दिसबंर को रिलीज हो रही फिल्म पद्मावती है। भंसाली के प्रोडेक्शन हाउस और वॉयकॉम 18 मोशन पिक्चर की यह फिल्म शूटिंग के दौरान से ही विवादों में घिरी रही है। निर्माताओं को शायद पहले से अंदाजा था कि इस फिल्म की रिलीज के दौरान उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
प्रोडेक्शन हाउस से जुड़े जानकारों का कहना है कि निर्माता पद्मावती फिल्म का पहले ही बीमा करवा चुके हैं। इसलिए यदि फिल्म रिलीज नहीं होती है या रिलीज के बाद टिकिट नहीं बिकते हैं या फिर अन्य कोई परेशानी आती है, तो निर्माताओं को कोई आर्थिक हानि नहीं होगी। जानकारी के अनुसार भंसाली इस फिल्म का करीब 160 करोड़ रुपए का बीमा करा चुके हैं। जबकि फिल्म निर्माण में करीब 190 करोड़ रुपए खर्च हुए है।
गौरतलब है कि भंसाली के प्रोडेक्शन हाउस की यह 12वीं मूवी है। पद्मावती फिल्म में दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह व शाहिद कपूर मूख्य भूमिका में है। इसी वर्ष मार्च में जयपुर में इस फिल्म की शूटिंग के दौरान संजय लीला भंसाली के साथ मारपीट भी की गई थी। इसके बाद फिल्म को लेकर विवाद ज्यादा बढ़ गया।
राजस्थान में करणी सेना, राजपूत समाज व पूर्व राजघराने फिल्म की रिलीज के विरोध में आ गए हैं। वहीं राजस्थान सरकार भी बढ़ते दबाव के चलते राजस्थान में फिल्म रिलीज को लेकर कोई निर्णय नहीं कर पा रही है। सरकार के मंत्री राजपूत समाज से आने वाले अपने विधायकों व मंत्रियों के विरोध का सामना कर रही है। वहीं दूसरी और राजस्थान में फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर विवाद खत्म नहीं होने तक फिल्म को रिलीज करने से मना कर चुके हैं।
साथ ही केन्द्र सरकार के कई दिग्गज मंत्री और भाजपा के कई सांसद भी फिल्म के विरोध में है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक फिल्म को सीबीएफसी से प्रमाण पत्र नहीं मिल जाता तब तक वह रिलीज के सबंध में कोई निर्णय नहीं देगा। वहीं अब सभी के निगाहें सीबीएफसी चीफ प्रसून जोशी की ओर है।