पंचतत्व में विलीन हुए चेतन चौहान, राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्‍कार

अमरोहा। पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज और उत्तर प्रदेश के कबीना मंत्री चेतन चौहान का अंतिम संस्कार आज यहां मूसलाधार बारिश के बीच गंगा तट पर स्थित बृज घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ कर दिया गया।

चौहान का रविवार को गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था। आस्ट्रेलिया के मेलबोर्न से आये उनके इकलौते पुत्र विनायक ने पिता को शाम चार बजकर 12 मिनट पर मुखाग्नि दी। इस दौरान उनकी पत्नी संगीता और कुछ नजदीकी रिश्तेदारों के अलावा अमरोहा संसदीय क्षेत्र के सभी विधायक,अधिकारी और बड़ी संख्या में उनके युवा प्रशंसक मौजूद थे। अंतिम संस्कार के दौरान कोविड प्रोटोकाल का अक्षरश: पालन किया गया।

अमरोहा से करीब 25 किमी दूर दिल्ली रोड पर गढ़ गंगा स्थित घाट पर क्रिकेट सितारे का पार्थिव शरीर दोपहर दो बजकर 26 मिनट पर लाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में पहले से मौजूद उनके प्रशंसकों ने दूर से ही अपने चहेते नेता और खिलाड़ी को अश्रुपूरित नेत्रों से अंतिम विदाई दी। इस दौरान घाट पर पूर्णत: शांति छायी रही हालांकि मुखाग्नि के समय चेतन चौहान अमर रहें के गगनभेदी नारे प्रशंसकों ने लगाये।

मुखाग्नि से पहले स्थानीय नेताओं, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और रिश्तेदारों ने पार्थिव शरीर के पास लगाये गये उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किये। सशस्त्र बलों की टुकड़ी ने शस्त्र उल्टे किये और मातमी धुन बजायी।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान को कोरोना संक्रमण के चलते पिछली 11 जुलाई को लखनऊ के एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था जहां किडनी में संक्रमण के चलते उन्हे गुरूग्राम स्थित मेदांता अस्पताल रेफर कर दिया गया। चिकित्सकों के अथक प्रयास के बावजूद रविवार शाम करीब पांच बजे उनका निधन हो गया।

खेल और राजनीतिक जगत की हस्तियों ने चौहान के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। चौहान अमरोहा संसदीय सीट से दो बार विजयी हुये थे जबकि 2017 के विधानसभा में उन्होने अमरोहा की नौगांवा सादात सीट पर विजय हासिल की थी। चौहान योगी मंत्रिमंडल के दूसरे सदस्य है जिनकी कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से मृत्यु हुयी है। इससे पहले प्रदेश की प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरूण की दो अगस्त को कोरोना के कारण मृत्यु हो गयी थी।

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