नोटबंदी पर विपक्ष हुआ एकजुट, विरोध में जुटे 200 सांसद

मोदी तेरी मनमानी, देख जनता की परेशानी। जैसे स्लोगन लिखी तख्तियां हाथ में लिए विपक्ष के नेता बुधवार की सर्द सुबह संसद भवन के बाहर महात्मा गांधी के मूर्ति शिल्प के बाहर मौजूद थे। इस दौरान बड़े पैमाने पर कांग्रेस समेत विभिन्न दलों ने एकजुट होकर विरोध जताया। विरोध प्रदर्शन के दौरान विपक्षियों ने जमकर नारेबाजी की और सरकार से होश में आने की अपील की थी।

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विरोध करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भ्रष्टाचार एक तरह से कैंसर की तरह है। यह समाप्त होना चाहिए लेकिन इस तरह से नहीं। यदि विपक्ष प्रधानमंत्री की उपस्थिति सदन में चाहता है तो फिर यह क्या गलत है। सरकार की नीति के खिलाफ विपक्ष एकजुट है। विरोध के दौरान लगभग 200 सांसद शामिल रहे। विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी खामोश ही बने रहे लेकिन विरोध प्रदर्शन को उन्होंने पूरी तरह से समर्थन दिया। नेताओं द्वारा केंद्र सरकार द्वारा 500 रूपए और 1000 रूपए के पुराने नोट्स को चलन से बाहर किए जाने के खिलाफ विपक्ष विरोध कर रहा है।

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विरोध की मांग थी कि इस मामले में केंद्र सरकार बहस के साथ ही वोटिंग को प्राथमिकता दे और नियम 156 के अंतर्गत चर्चा की जाए। विपक्ष द्वारा मांग की गई है कि जब संसद के सदनों में नोटबंदी पर चर्चा हो तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहें। इतना ही नहीं नोटबंदी की जानकारी लीक होने के मामले में जांच की जाए।

संसद भवन परिसर में विरोध के दौरान बीएसपी, जेडीयू, सीपीएम, सपा, कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी, आरजेडी, सीपीएम, सीपीआई, वाईएसआर, जेएमएम समेत करीब 13 दलों के 200 सांसद विरोध प्रदर्शन में जुटे। नेताओं द्वारा जमकर नारेबाजी की गई। खासबात यह रही कि पार्टियों के सांसदों ने अपने दल का ध्वज उपयोग न करते हुए राष्ट्रध्वज के नीचे खड़े होकर प्रदर्शन किया।

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