नेपाल को लेकर भारत पर आर्थिक नाकेबंदी के आरोप ‘पूरी तरह झूठ’

sushmanepal2_pti-1 (1)न्यूयॉर्क (1 अक्टूबर) : भारत ने ऐसे आरोपों को ‘पूरी तरह झूठ’ बताया है कि भारत-नेपाल सीमा के अहम चेकपाइंट पर आर्थिक नाकेबंदी के लिए वह ज़िम्मेदार है। नेपाल में नए संविधान को लेकर मधेसी और थारू समुदायों के विरोध के बीच भारत ने कहा है कि इस मुद्दे का सर्वस्वीकार्य समाधान नेपाल के लोगों और वहां के राजनीतिक दलों को ही ढूंढना है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बुधवार को कहा कि “हमारा रुख़ बिल्कुल साफ़ है। हम ‘निर्देशात्मक’ नहीं होना चाहते। यह नेपाल के लोगों और नेपाली सियासी दलों पर है कि वे आपसी सहमति से सर्वस्वीकार्य समाधान ढूंढे, जिसकी ज़िम्मेदारी सभी लें।”

विकास स्वरूप से पूछा गया था कि नेपाल संविधान का मसौदा प्रक्रिया पर भारत का क्या मत है।

भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और नेपाल के विदेश मंत्री महेंद्र पांडे के साथ यहां हुई द्विपक्षीय बैठक में भी ये मुद्दा उठा। सुषमा स्वराज ने भारत पर आर्थिक नाकेबंदी के आरोपों को पूरी तरह झूठ बताया।

विकास स्वरूप ने कहा कि हम सिर्फ सीमा तक सामान को ले जा सकते है। सीमा से आगे ज़िम्मेदारी नेपाली पक्ष की है। इसमें ट्रकों की आवाजाही के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतज़ामात करना प्रमुख है।

विकास स्वरूप ने कहा कि सीमा पर 4,310 ट्रक अटके हुए हैं जो नेपाल में सुरक्षा के जो हालात हैं, उन्हें देखते हुए आगे नहीं बढ़ सकते।

बुधवार को ज़रूरी सामान के साथ करीब 100 ट्रकों ने सौनोली सीमा से नेपाल में प्रवेश किया।

 
 
 
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