नेताओं के पत्र के बाद क्या जागेगी कांग्रेस में बदलाव की लहर

जुबिली न्यूज़ डेस्क
कांग्रेस के इतिहास में ऐसा पहली बार ही हो रहा होगा कि जब पार्टी के बड़े नेता अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के अंदर बड़े बदलाव की मांग कर रहे हैं। पार्टी में इस बदलाव की मांग 23 बड़े नेताओं ने की है। इन नेताओं में 5 पूर्व मुख्‍यमंत्री, शशि थरूर जैसे सांसद, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्‍य और कई पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की सोमवार को बैठक होने की संभावना है। इस बैठक में संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। ये भी माना जा रहा है कि मीटिंग के केंद्र में यही पत्र रहेगा। बता दें कि यह पत्र दो सप्ताह पहले ही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखा गया था।
पार्टी के नेताओं द्वारा जो पत्र सोनिया गांधी को लिखा गया है। इसमें साफ़ तौर पर कहा गया है कि पार्टी को संचालित करने के लिए प्रभावी केंद्रीय नेतृत्व के साथ-साथ एक क्लीयर कट मैकेनिज्म होना चाहिए। इसे सक्रिय होना चाहिए साथ ही इसका असर जमीन पर भी दिखना चाहिए।
इसके अलावा पत्र में सीडब्ल्यूसी में फिर चुनाव कराने के साथ साथ नए सिरे से जिम्मेदारी तय करने की मांग भी की गई है। इसके लिए एक प्रभावी सामूहिक प्रणाली की स्थापित करने की मांग की है।

यही नहीं पत्र में ये भी कहा गया कि कांग्रेस का पुनरुत्थान ‘एक राष्ट्रीय अनिवार्यता’ है, जो लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही जरूरी है। और यह बताता है कि पार्टी में उस समय गिरावट दिख रही है। जब पार्टी को आजादी के बाद राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक मोर्चे पर कड़ी चुनौतियां का सामना करना पड़ रहा है।
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पत्र में ब्लॉक स्तर से लेकर सीडब्ल्यूसी तक सभी स्तरों पर संगठनात्मक बदलावों की मांग की गई है। सीडब्ल्यूसी की भूमिका पर भी सवाल उठाया गया। पत्र में कहा गया कि सीडब्ल्यूसी कैसे अपनी भूमिका सही से नहीं निभा पा रही है।बैठकें दुर्लभ हो गई हैं और राजनीतिक घटनाक्रम पर प्रतिक्रियाएं काफी देरी से आ रही हैं।
इन नेताओं ने उठाए सवाल
पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, पार्टी के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, शशि थरूर, सांसद विवेक तन्खा, एआईसीसी के पदाधिकारी और सीडब्ल्यूसी सदस्य जिनमें मुकुल वासनिक और जितिन प्रसाद और पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शामिल हैं।
इसके अलावा मिलिंद देवड़ा, राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली, संदीप दीक्षित सहित कांग्रेस के अन्य युवा ब्रिगेड ने भी हस्ताक्षर किए हैं। साथ ही कहा है कि राज्य इकाइयों को सशक्त किया जाना चाहिए और पावर सेंटर पर ट्रिक डाउन इफेक्ट होना चाहिए। पार्टी को दिल्ली में केंद्रीकृत नहीं किया जाना चाहिए।

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