नीतीश कुमार ने मजदूरों के लिए बस भेजने से क्यों मना किया?

न्यूज डेस्क
देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद से दूसरे राज्यों में बिहार और यूपी के गरीब मजदूर फंस गए हैं। उनके पास रोजी-रोजी का कोई साधन न होने से वे खाली जेब, नंगे पाव पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर की दूर अपने गांव के लिए पैदल ही निकल गए। इन मजदूरों की फोटों सोशल मीडिया और न्यूज में आने के बाद से सरकार इनको लेकर जागी है। जहां यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन मजदूरों को इनके गांव भेजने के लिए एक हजार स्पेशल बसें उपलब्ध  कराने को कहा है है तो वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मना कर दिया है।
सीएम नीतीश कुमार ने लॉकडाउन के बीच लोगों को स्पेशल बसें उपलब्ध कराकर उनके गांव भेजने की कवायद पर सवाल खड़े किए हैं। शनिवार को बिहार मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे कोरोना वायरस और ज्यादा फैलेगा।

बकौल सीएम नीतीश, ‘स्पेशल बसों के जरिए लोगों को उनके राज्यों में भेजने से लॉकडाउन का उद्देश्य ही खत्म हो जाएगा। इससे अगले कुछ दिनों में कोरोना वायरस का संक्रमण अधिक बढ़ेगा। लोगों को उनके घर भेजने के बजाय स्थानीय स्तर पर कैंप में ठहराना ज्यादा बेहतर होगा। राज्य सरकार इन कैंपों पर लगने वाली राशि अदा करेगी।
उन्होंने कहा, “लोगों को घर वापस भेजने की कोशिश के बजाय स्थानीय स्तर पर शिविरों का आयोजन करना बेहतर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन शिविरों की लागत चुकाएगी। राज्य सरकार ने अन्य राज्यों में स्थानीय लोगों के आश्रय और भोजन के लिए 100 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। उन्होंने कहा कि फंसे हुए स्थानीय लोगों की मदद के लिए आने वाले किसी भी जिले या गैर-लाभकारी संस्थानों को धन राज्य सरकार की तरफ से दिया जाएगा।
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वहीं, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में राज्य सरकारें इन प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष बसों की व्यवस्था कर रही हैं। उत्तर प्रदेश में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय ने आज दोपहर ट्वीट किया, “राज्य सरकार ने लॉकडाउन के बीच राज्य छोडऩे की कोशिश करने वालों के लिए 1,000 बसों की व्यवस्था की है ताकि वे बिना किसी परेशानी का सामना किए अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।
इसके अलावा, दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए लोगों से आग्रह किया कि वे बाहर निकलने से बचें। “दिल्ली सरकार की 100 बसों और यूपी सरकार की 200 बसों में प्रवासी श्रमिकों के लिए व्यवस्था की जा रही है। लेकिन, मैं अब भी आप सभी से अपील करता हूं कि लॉकडाउन का पालन करें। यह बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने का एकमात्र तरीका है। यह सुरक्षित नहीं है।
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