नहीं टलेगा हरिद्वार कुंभ 2021, अखाड़ा परिषद की बैठक में लिया गया फैसला

देहरादून/हरिद्वार। हरिद्वार की पावन धरा पर 2021 में पूर्ण कुंभ लगने जा रहा है। कोरोना की वैश्चिक महामारी के बीच ये कयास लगाए जा रहे थे कि कुंभ होगा या फिर इसका स्वरूप क्या होगा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कुंभ को लेकर तेरहों अखाड़ों ने अपनी सहमति दे दी। कुंभ की इस अहम बैठक में पांच अहम बिन्दुओं पर प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। जिसमें विहिप के दिवंगत नेता अशोक सिंघल को भारत रत्न देने पर प्रस्ताव पारित हुआ। 28 अगस्त को अखाड़ा परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से कुंभ कार्यों को लेकर मुलाकात करने जाएगा।

हरिद्वार में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक मायादेवी मंदिर प्रांगण में हुई। जिसमें सर्वसम्मति से तय हुआ कि हर हाल में हरिद्वार कुंभ का आयोजन किया जाएगा। इसे निरस्त करने की कोई गुजाईश ही नहीं है। ये जरूर स्वीकार किया गया कि कोरोना की वैश्चिक स्थिति को देखकर इसके स्वरूप में कुछ बदलाव संभव है। बुधवार को परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी, महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरी समेत सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। करीब तीन घंटे से अधिक समय तक बैठक चली। बैठक के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि और महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि ने संयुक्त रूप से पत्रकारों से बातचीत की। बताया कि हरिद्वार कुंभ हर हाल में होगा। कोरोना को लेकर स्थिति चिंताजनक रही तो फिर इसके स्वरूप को लेकर फरवरी में निर्णय लिया जाएगा।

कुंभ की बैठक में प्रस्तावों की जानकारी श्रीमहंत नरेन्द्र गिरी ने दी। बताया कि विहिप के प्रमुख दिवंगत अशोक सिंघल को भारत रत्न देने की सिफारिश का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया है। अखाड़ों के लिए जो धनराशि आवंटित की जानी है। उसे जल्द जारी किया जाए। हरिद्वार में जो कार्य धीमी गति से चल रहे हैं, उसे तुरंत गति दिया जाए। कुंभ के सभी कार्यों में भारत सरकार की कोरोना गाईडलाइन के तहत तेजी लाने के जरूरत पर सहमति बनी। ये भी तय हुआ कि 28 अगस्त को देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ बैठक होगी।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में पालघर मामले में साधु की हत्या को लेकर मुदृदा काफी गरम रहा। संतों ने एक स्वर से सीबीआई जांच की मांग उठाई। यह भी तय किया गया कि परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से इस बाबत मुलाकात करेगा।

13 अखाड़ों को 13 घाट आवंटित

बुधवार को जूना अखाड़ा स्थित माया देवी मंदिर परिसर में हुई। तेरह अखाड़ों के लिए तेरह घाट और तीन अखाड़ों के लिए भूमि आवंटित की गई। जिसमें दिगम्बर, निर्मोही, निर्वाणी अणी शामिल हैं। संतों की ओर सेराम मंदिर में सहयोग करने वाले संतों के नाम से कीर्ति स्तंभ बनवाने की मांग भी की गई। इसके साथ ही लक्सर रोड पर भगवान श्रीचंद्र का गेट बनवाने की मांग की।

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