नवरात्र में “संयम” से कोरोना का संहार करें

राजीव ओझा
भारत में संयम का ब्रहास्त्र हर नागरिक के पास
कोरोना की कमजोरी को अपनी ताकत बनायें
चैत्र नवरात्र इस बार ख़ास है। नवरात्र के पहले दिन से ही पूरा भारत लॉक डाउन हो गया। न कोई ट्रेन न फ्लाइट। यह कर्फ्यू नहीं है बल्कि एक तरह से संयम की परीक्षा है। चैत्र नवरात्र शुरू होने के साथ ही भारत ने COVID-19 नाम के नये दैत्य या असुर के खिलाफ निर्णायक युद्ध छेड़ दिया है। लेकिन इस बार असुर या दानव को महिषासुर मर्दनी तभी हरा पाएंगी जब हम उनका साथ देंगे।
याद रखिये नवरात्र संयम का पर्व है और शक्ति को संयम का साथ मिलते ही इसकी संहारक क्षमता असीमित हो जाती है। हम नवरात्र में संयम को संहार का शस्त्र बनायें तो कोरोना का सर्वनाश तय है। नवरात्र शुरू होते ही हर घर के बाहर एक लक्षमण रेखा है। शक्ति की देवी इस बार हर भारतवासियों की कड़ी परीक्षा लेंगी।

इसीलिए नवरात्र के नौ दिन अति महत्वपूर्ण हैं। अगर आपने शुरू के नौ दिन लक्षमण रेखा को पार नहीं किया तो जीत तय है। याद रखिये अगर आप घर के भीतर भी संयम बरतेंगे तो लक्षमण रेखा पार करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
भारत में 21 दिन का लॉक डाउन है। घर से बहार निकलने की मनाही है। सरकार सब को राशन, दूध, सब्जी उपलब्ध करने का प्रयास कर रही। याद रखिये देश में अकाल या भुखमरी के हालात नहीं है। किसी चीज की कमी नहीं है। संभव है उपलब्धता में कभी कभी मुश्किल हो, लेकिन असम्भव नहीं है।
अगर हम घर में इसका भण्डारण करने के लिए दुकानों पर टूट पड़ेंगे तो सामग्री की उपलब्धता के बावजूद वितरण व्यवस्था चरमरा जाएगी। इससे कुछ लोगों के पास सामग्री जरूरत से ज्यादा होगी और बहुत से लोग वंचित रह जायेंगे। इससे कालाबाजारी और कीमतें बढेंगी। इसीलिए घर के भीतर भी संयम जरूरी है।
नवरात्र में व्रत न भी हों तो भी कम खाएं, कम पकवान बनाये, एक ही सब्जी बनायें, कुछ दिन सादा भोजन कर के देखें। इससे सेहत अच्छी होगी, खराब नहीं। इत्तफाक से नवरात्र और मौजूदा हालत दोनों में संयम की दरकार है। कोरोना के खिलाफ युद्ध में अपने को सिद्ध करने का इससे बेहतर मौका फिर नहीं मिलेगा।

कोरोना वायरस कहाँ से आया, चीन से आया या अमेरिका से? किस जानवर से मनुष्यों में आया? कहीं यह बायोलॉजिकल वेपन तो नहीं? कहीं यह किसी देश आर्थिक रणनीति का हिस्सा तो नहीं? इसपर बाद में भी मंथन किया जा सकता है। अभी तो प्राथमिकता COVID-19 को हराने की है।
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कोई कहता था तीसरा विश्व युद्ध पानी के कारण होगा, कोई कहता था परमाणु वर्चस्व के लिए अगला विश्वयुद्ध होगा। लेकिन तीसरा विश्व युद्ध तो छिड गया है और यह नव कोरोना वायरस को लेकर है। खास बात है कि इस तीसरे विश्व युद्ध में एक तरफ पूरी दुनिया है और उसके सामने है COVID-19 यानी नव कोरोना वायरस।
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यह असुर कितना शक्तिशाली है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इटली, स्पेन, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे विकसित और संसाधन सम्पन्न देशों में यह कहर बरपा रहा है। यूरोप में स्पेन और इटली को तो अब ऊपर वाले का ही सहारा है। कोरोना का संक्रमण सबसे पहले चीन से फैला। चीन में हजारों लोगों की जान लेने के बाद यह बड़ी मुश्किल से काबू में आया।
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इसमें तीन महीने लग गए। निसंदेह कोरोना बहुत शक्तिशाली है, इसकी गति बहुत तेज है लेकिन इसमें एक बहुत बड़ी कमजोरी है। यह कमजोरी ही इसकी “बायो वेपन” की थ्यूरी को नकारती है। इसकी सबसे बड़ी कमजोरी है कि संक्रमण के लिए इसे कैरियर की जरूरत पड़ती है। कैरियर और कैरियर की चेन बिना यह बिलकुल असहाय है, और न ही इसका संक्रमण हो सकता।
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शरीर के बहार यह चंद घंटों का मेहमान होता है। इसी लिए भारतवासियों के पास “संयम” एक ऐसा ब्रह्मास्त्र है जो COVID-19 का काम-तमाम करने में अचूक है। सौभाग्य से नवरात्र में लॉक डाउन है। तो आइये, हमसब मिल कर संयम से कोरोना का संहार करें। यही शक्ति की सच्ची उपासना है।
(डिस्क्लेमर : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति Jubilee Post उत्तरदायी नहीं है।)

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