नवरात्री और महामारी पर भारी पड़ रहे सब्जियों के दाम

न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। कल से नवरात्री का महा पर्व शुरू हो रहा है। ऐसे में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए पूरे उत्तर प्रदेश को लॉकडाउन किए जाने का प्रतिकूल असर फल, फूल और सब्जी कारोबारियों पर पड़ रहा है।
यूपी को लॉकडाउन किए जाने से खाद्य सामग्री और दूसरी जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति निर्विघ्न किए जाने के सरकार के तमाम उपायों के बावजूद छोटे किसान अपने उत्पाद को शहर के मंडियों तक पहुंचाने में असमर्थ है, जिससे शहरी क्षेत्रों में सब्जियों के दामों में उल्लेखनीय उछाल दर्ज किया जा रहा है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में इनके दाम औंधे मुंह नीचे आ गिरे हैं।
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लखनऊ, कानपुर, आगरा और वाराणसी जैसे लॉकडाउन महानगरों के शहरी क्षेत्र में आलू, टमाटर, लौकी और कद्दू समेत अन्य सब्जियां महंगे दामों पर बिक रही हैं। जबकि एटा की सब्जी मंडी में आलू और टमाटर 20 रूपए प्रति किलो होने के बावजूद ग्राहकों का टोंटा है।

सरकार ने सोमवार को ही एक उच्च स्तरीय बैठक में सब्जी, दवा समेत अन्य जरूरी वस्तुओं को ढोने वाले मालवाहन वाहनो के निर्विघ्न आवागमन के निर्देश जारी किये थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यापारियों और थोक विक्रेताओं से अपील की थी कि वे लोगों के घरों तक खाने पीने के सामान पहुंचाने की प्रबंध करें।
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इन सबके बावजूद आज लखनऊ की हैनिमन स्तिथ थोक सब्जी मंडी में आलू 130 रूपए पसेरी, प्याज 150 रूपए पसेरी, टमाटर 200 रूपए पसेरी तक बिके। यही नहीं खरीददारों की माने तो अदरक 100 रूपए किलो, पालक 40 रूपए किलो और बंद गोभी प्रति पीस 30 तक बेची गयी है।
वही कानपूर से खबर है कि लॉकडाउन के पहले दिन सोमवार को रामादेवी, गोविंदनगर सब्जी मंडियों में ग्राहकों की भीड़ टूट पडी थी, जिससे लॉकडाउन निरर्थक लगने लगा था। यहां आलू 25 से 30 रूपये, टमाटर 40 से 60 रूपये किलो तक बिका। वहीं पालक 40 रूपए किलो, लौकी 50 रूपए, कद्दू 40 रूपये और प्याज के दाम 40 रूपये प्रति किलो तक पहुंच गए।
नवरात्र के दिनो हर साल गुलजार रहने वाली फूल मंडी महापर्व की पूर्व संध्या पर वीरान नजर आयी। मंदिरों के कपाट बंद रहने से श्रद्धालु घरों में पूजा अर्चना कर रहे हैं। इसका सीधा असर फूल व्यवासियों पर पड़ा है। नवरात्र के दिनो चांदी काटने वाले कारोबारी, जहां मायूस है वहीं सैकड़ों टन फूल बागवान की ही शोभा बढ़ा रहे हैं।
साग सब्जियों के दामों के बढोत्तरी और फूलों के नदारद रहने से हालांकि लोग उदास नहीं है। ज्यादातर लोगों का मानना है कि कोरोना से लड़ने के सरकार के प्रयास सराहनीय है और उसमें वे जितना योगदान कर सकें, कम होगा। लोगों का मानना है कि शक्ति की देवी मां भवानी कोरोना के संकट को खत्म करेंगी और देश में फिर खुशहाली लौट आयेगी।
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