नवंबर से ईरान से कच्चे तेल खरीदना बंद कर सकता है भारत, ये हैं बड़े कारण

अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भारत नवंबर से ईरान से कच्चा तेल खरीदना बंद कर सकता है। जिससे आशंका जताई जा रही है कि तेहरान अपना एक और ग्राहक खो सकता है। एक मीडिया रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है। हालांकि चीन की ओर से ईरान से तेल खरीदने को लेकर अब तक स्थिति साफ नहीं है। बता दें कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा तेल आयातक देश है।नवंबर से ईरान से कच्चे तेल खरीदना बंद कर सकता है भारत, ये हैं बड़े कारण

बता दें कि अमेरिका ने नवंबर से सभी देशों पर ईरान से तेल खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन देश के दो सबसे बड़े सरकारी स्वामित्व वाले रिफाइनरी हैं, दोनों कंपनियों के अधिकारियों के मुताबिक नवंबर में किसी भी कार्गो से तेल लोड करने बारे में नहीं पूछा गया है। उद्योग के एक कार्यकारी अधिकारी के मुताबिक नायरा एनर्जी भी किसी खरीददारी की योजना नहीं बना रही है। इनके अलावा मैंगलोर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड ने भी नवंबर महीने के लिए कोई नामांकन नहीं किया है।

ये कंपनियां भारत में ईरानी तेल के चार सबसे बड़े खरीददार हैं। बताया जा रहा है कि खरीददारी पर अंतिम निर्णय अक्टूबर के शुरू में हो सकता है, संभावना जताई जा रही है कि तब तक खरीददारों का मूड बदल जाए। मुख्य तेल विश्लेषक अमृता सेन के मुताबिक, नवंबर में ईरान का निर्यात एक दिन में 1 मिलियन बैरल से नीचे गिर सकता है।

प्रमुख खरीददार

ब्लूमबर्ग टैंकर ट्रैकिंग डेटा के मुताबिक भारत ईरान से कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीददार है, इस साल देश ने एक दिन में 577,000 बैरल कच्चे तेल का औसत आयात किया है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी प्रतिबंध आने वाले वैश्विक तेल बाजार में एक बड़ा अंतर पैदा कर सकते हैं, ब्रेंट क्रूड गुरुवार को चार साल के उच्चतम 80 डॉलर प्रति बैरल का स्तर पार कर गया था।

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