धर्मेंद्र और आबिद के बीच चल रही राजनीतिक रार को आजम खां ने सुलझाया

कई महीनों से सांसद धर्मेंद्र यादव और पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा के बीच चल रही राजनीतिक ‘रार’ को बुधवार को पूर्व नगर विकास मंत्री आजम खां ने सुलझा दिया। वह दोनों के साथ बैठे तथा पुराने गिले-शिकवे दूर कर कहा कि जब बड़ा मकसद सामने हो तो छोटी-छोटी बातें मायने नहीं रखतीं। लोकसभा सत्र के समापन पर मुलायम द्वारा मोदी को दिए गए ‘आशीर्वाद’ के बारे में बोले कि वह बस उतनी ही देर का था, अब जो बातें वह (मुलायम) कह रहे हैं, वह हम सुन रहे हैं।

सांसद धर्मेंद्र यादव और पूर्व दर्जा राज्यमंत्री के बीच अंडरग्राउंड केबल को लेकर जो ‘रार’ छिड़ी थी, वह काफी बढ़ गई थी। यहां तक कि इसके लिए आबिद को सपा से निलंबन तक झेलना पड़ा था। 

इसके बाद दोनों में जुबानी जंग जारी रही जो पार्टी को भी असहज स्थिति में डाले हुए थी। माना जा रहा था कि चुनाव में दोनों की रार कुछ रंग ला सकती है, लेकिन बुधवार को पूर्व नगर विकास मंत्री ने दोनों के झगड़े का पटाक्षेप कर दिया। 

आबिद रजा के आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए आजम ने कहा कि आपस में मनमुटाव छोटी बात है और सामने मकसद बड़ा है। मकसद बड़ा हो तो छोटी बातें मायने नहीं रखतीं। 

एक सवाल के जवाब में बोले कि उन्होंने अब बादशाह को शहंशाह कहना शुरू कर दिया है। शहंशाह ने सभी के खातों में रुपये देने और दो करोड़ बेरोजगारों को नौकरी देने के वायदे कर जनता को ठग लिया। 

बोले- गठबंधन हो चुका है और सब मिलकर पूरी ताकत से सत्ता बदल करेंगे। मुलायम के पीएम को आशीर्वाद देने के मामले के सवाल पर कहा- जो उन्होंने कहा था वह उतनी ही देर का था, अब जो वह कह रहे हैं वह हम सुन रहे हैं और सभी लोग बाद वाली बात को ही मानते हैं। 

यह भी बोले कि अच्छे से जीतेंगे और पीएम पद के उम्मीदवार भी होंगे। हालांकि इस बात को बाद में मजाक में बड़ी सफाई से टाल भी गए। जयाप्रदा के चुनाव लड़ने के सवाल पर केवल इतना ही कहा नाम से क्या मतलब है। 

काफी देर तक सांसद के आवास पर हुई बातचीत

पत्रकारों से बातचीत करने से पहले आजम सांसद धर्मेंद्र यादव के आवास पर पूर्व मंत्री आबिद रजा के साथ मौजूद रहे। काफी देर तक चली मंत्रणा के बाद पत्रकारों से वार्ता की। इस दौरान सांसद ज्यादा नहीं बोले, उन्होंने बस इतना ही कहा कि मुझे ज्यादा कहने की जरूरत नहीं है, बस 23 मई का इंतजार करें।
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