धनतेरस से पहले खरीद लें सोना-चांदी, इस सप्ताह कीमतों में होगी भारी बढ़ोतरी!

1-1445768213वैश्विक दबाव के बावजूद आने वाले सप्ताह में आभूषण निर्माताओं की सोने की मांग तेज रहने की उम्मीद है जिससे इसकी कीमतें चढ़ सकती हैं। 
 
बीते सप्ताह भी थोड़ी-बहुत त्योहारी मांग रही जिससे जहां विदेशों में सोना एक फीसदी से ज्यादा गिरा, वहीं दिल्ली सर्राफा बाजार में यह 0.6 प्रतिशत (160 रुपये) लुढ़ककर 27090 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गया। चांदी भी 0.67 प्रतिशत (250 रुपए) लुढ़ककर 37050 रुपए प्रति किलोग्राम बोली गई। 
 
लंदन एवं न्यूयॉर्क से मिली जानकारी के अनुसार, गत सप्ताह सोना हाजिर मे 1.09 प्रतिशत की गिरावट रही और सप्ताहांत पर शुक्रवार को यह 1164 डॉलर प्रति औंस रहा। अमेरिकी सोना वायदा भी 1.11 फीसदी लुढ़ककर 1164 डॉलर प्रति औंस ही बोला गया। 
 
बाजार विश्लेषकों ने बताया कि आलोच्य सप्ताह के दौरान अमेरिका में ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी का दबाव रहा। इसी सप्ताह फेडरल रिजर्व की बैठक होनी है जिसमें ब्याज दरों की बढ़ोतरी के संबंध में संकेत और स्पष्ट होने की उम्मीद है। इस दौरान लंदन में चांदी 0.21 डॉलर उतरकर 15.81 डॉलर प्रति औंस पर रही। 
 
स्थानीय बाजार में गुरुवार को दशहरे का अवकाश होने के कारण पांच दिन ही कारोबार हुआ। बाजार में दीपावली की त्योहारी मांग आनी शुरू हो गई है। इसके बावजूद वैश्विक दबाव में सोने में 160 रुपए की सप्ताहिक गिरावट रही। सप्ताहांत पर शनिवार को सोना स्टैंडर्ड 27090 रुपए और सोना बिटुर 26940 रुपए प्रति दस ग्राम बोला गया। 
 
गिन्नी में कोई बदलाव नहीं हुआ और यह पूरे सप्ताह 22400 रुपए प्रति आठ ग्राम पर टिकी रही। चांदी की औद्योगिक और सिक्का निर्माताओं की मांग कमजोर रही। हालांकि, अब इसके गति पकडऩे की उम्मीद है। सप्ताह के दौरान वैश्विक स्तर पर चांदी की 1.31 प्रतिशत की गिरावट की तुलना में स्थानीय बाजार में चांदी हाजिर 0.67 प्रतिशत यानि 250 रुपए टूटकर 37050 रुपए प्रति किलोग्राम पर रही। 
 
चांदी वायदा में 450 रुपए का साप्ताहिक उतार देखा गया और यह सप्ताहांत पर 36945 रुपए प्रति किलोग्राम बोली गई। धनतेरस से पहले आम तौर पर सिक्कों में तेजी देखी जाती है, लेकिन इस साल अभी तक इसमें बढ़त का रुख नहीं है। सिक्का लिवाली और बिकवाली पूरे सप्ताह 52 हजार तथा 53 हजार रुपए प्रति सैकड़ा पर स्थिर रहे। 
 
 
कारोबारियों ने बताया कि आने वाले दो सप्ताह में दोनों कीमती धातुओं की मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद है। इससे कीमतें भी चढ़ सकती हैं। हालांकि, भाव तय करने में अंतरराष्ट्रीय कीमतों का भी अहम योगदान होगा। 

 

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