दो साल में तीन तबादले पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने क्या कहा?

जुबिली न्यूज डेस्क
अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहने वाले राज्यपाल सत्यपाल मलिक अब मेघालय के गर्वनर बन चुके हैं। दो साल में यह उनका तीसरा तबादला है।
सबसे पहले वह बिहार के राज्यपाल बनाए गये। उसके बाद उन्हें जम्मू-कश्मीर भेज दिया गया। वहां भी वह ज्यादा दिन नहीं रहे। वहां से उन्हें गोवा भेजा गया और अब मेघायल। मलिक ने यहां तथागत रॉय की जगह ली है।
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इंडियन एक्सप्रेस ने राज्यपाल मलिक ने उनके तबादले से लेकर अन्य कई मुद्दों पर बातचीत की। मलिक ने इंडियन एक्सप्रेस से गुवाहाटी एयरपोर्ट से फोन से बात कर की। एक्सप्रेस ने जब उनसे पूछा कि आपका इतनी जल्दी-जल्दी तबादला क्यों हो रहा? क्या आपको हाइपर ऐक्टिव होने और अधिक बयान देने की सजा मिल रही है के सवाल पर उन्होंने कहा कि, “मुझे लगता है कि मैंने जम्मू-कश्मीर में पर्याप्त कार्रवाई की है। हो सकता है कि वहां किए गए कार्य मेरे जीवनभर के लिए पर्याप्त हो। इसलिए अब मेरे लिए आराम करने का समय है। हर बार कार्रवाई करनी अच्छी बात नहीं है। तो मुझे इस बार मेघालय जैसे खूबसूरत जगह जाने दो। ”
सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर का गवर्नर रहते हुए बयान दिया था कि सुरक्षा कर्मियों को निशाना बनाने से बेहतर है कि आप उन्हें मारो, जिन्होंने आपके कश्मीर को लूटा है। उनके इस बयान की सियासी हलकों में खूब आलोचना हुई थी।
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इसके अलावा उन्होंने एक बार यह भी कहा था कि उन्हें दिल्ली से खुफिया जानकारी पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा था कि वो उनके इनपुट्स नहीं मानते। वहीं गोवा में भी उन्होंने सीएम प्रमोद सावंत को कोरोना संकट से निपटने में सक्षम नहीं बताते हुए उनकी आलोचना की थी और सरकारी कदम में खामियां गिनाईं थीं।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के साथ मतभेदों के सवाल पर उन्होंने कहा कि “मुझे अच्छा ‘व्यक्तिगत तालमेल’  पसंद है। लेकिन यह सच है कि मैं उन चीजों के बारे में मुखर हुआ करता था जो मुझे गलत लगती थीं। अगर इस तरह का कोई मामला या भ्रष्टाचार या अनियमितता है, तो मैं फिर बात करूंगा। हो सकता है, कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आए। गवर्नर आमतौर पर ऐसा नहीं करते हैं।”

सत्यपाल मलिक ने कहा, “सीएम प्रमोद सावंत ने उन्हें अपने घर भोज पर आमंत्रित किया था लेकिन नहीं मैं नहीं जा सका।” उन्होंने कहा, “मेरे पास गोवा में करने के लिए बहुत कुछ नहीं था। मेघालय एक बड़ा राज्य है। मुझे वहां जाने दो।”
इस सवाल पर जवाब देते हुए कि क्या उनकी समाजवादी पृष्ठभूमि मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में एक मुद्दा बन गई है, उन्होंने कहा: “नहीं, ऐसा कुछ नहीं है। भाजपा मेरे साथ बहुत सहज है।”

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