देश में तेज़ी से फैल रहा खांसी और बुखार की समस्या ICMR ने जारी चेतावनी कहा….

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ICMR ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि देश के अधिकांश हिस्सों में एक सप्ताह से अधिक समय तक चलने वाली बुखार के साथ तेज खांसी के बढ़ते मामलों को इन्फ्लुएंजा ए एच3एन2 से जोड़ा जा सकता है, जो वायरस का एक उपप्रकार है और फ्लू का कारण बनता है। स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा, “15 दिसंबर से सर्विलांस डेटा इन्फ्लुएंजा ए एच3एन2 के मामलों की संख्या में वृद्धि को देखा गया है।”

आईसीएमआर ने यह भी कहा है कि वायरस अन्य इन्फ्लुएंजा उपप्रकारों की तुलना में अधिक अस्पताल में भर्ती होने का कारण बनता है। स्वास्थ्य निकाय ने कहा है कि इन्फ्लुएंजा A H3N2 वाले सभी SARI रोगियों में से लगभग 10% को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है और 7% को ICU देखभाल की आवश्यकता होती है।

इन्फ्लुएंजा ए एच3एन2 के लक्षण-

पिछले कुछ महीनो में देश में तेजी से बढ़े खांसी बुखार के मामले पर चिंता जताते हुए आईसीएमआर ने इसे इन्फ्लुएंजा A H3N2 का खतरा बताया है। इसके लक्षणों की बात करें तो, इससे ग्रसित व्यक्ति में यह लक्षण दिखाई देतें हैं-

लगातार खांसी

गला खराब होना

बहती नाक

सांस फूलना

बुखार

कितना गंभीर है यह संक्रमण-

श्वसन वायरस की निगरानी के लिए ICMR के पास 30 वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरीज (VRDL) हैं। ये VRDL विभिन्न राज्यों के शीर्ष मेडिकल कॉलेजों से जुड़े हैं और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) से पीड़ित रोगियों के सैंपल को इकट्ठा कर रहे हैं। अस्पताल में भर्ती एसएआरआई के कम से कम 92% रोगियों में वायरस पाया गया और इनमें बुखार की शिकायत थी। 86% तक खांसी से ग्रसित है। इसके अतिरिक्त, 27% को सांस लेने में तकलीफ और 16% में घरघराहट के लक्षण पाए गए। इसके अलावा, 16% में निमोनिया के लक्षण थे और 6% दौरे के साथ पेश किए गए थे।

इन्फ्लुएंजा A H3N2 से बचाव-

फिल्हाल इस संक्रमण के लिए कोई निश्चित उपचार नहीं है। हालांकि, इससे बचाव के लिए आपको मास्क का उपयोग करना चाहिए। खुद को हाईड्रेटेड रखें। खांसी या छींक आने पर मुंह को ढकें। बार-बार अपने नाक और आंखों को छूने से बचें। इसके अलावा बुखार और बदन दर्द होने पर डॉक्टर की सलाह से पैरासीटामॉल लें। इसके अलावा अन्य समस्या होने पर या कोई भी दवा का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें।

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