दुनिया कोरोना में फंसी, लेकिन चीन के जारी हैं कुछ ‘सीक्रेट मिशन’

चीन ने कोरोना वायरस के दौरान लगाए गए इंटरनेशनल लेवल के लॉकडाउन का बहुत फायदा उठाया. कभी सेना का मिलिट्री ड्रिल किया तो कभी पड़ोसी देशों के ऊपर लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर उड़ाए. कभी एवरेस्ट पर 5जी तकनीक को इंस्टॉल किया तो कभी चांद पर इंसान भेजने के लिए रॉकेट का सफल परीक्षण किया. लॉकडाउन में बंद दुनिया की सारी गतिविधियों के बीच नेवी का रियलिस्टिक मैरीटाइम ऑपरेशंस किया तो कहीं द्वीप बनाने लगा. फोटो में दिख रहे चीनी सैनिक कश्मीर के उत्तर में स्थित पाकिस्तान चीन सीमा के नजदीक काशघर में खुंजेरब पास पर पेट्रोलिंग करते हुए. 

पूरी दुनिया को कोरोना वायरस से बीमार करने के बाद लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए चीन लगातार ऐसी हरकतें कर रहा है, जिससे पड़ोसी देशों में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बनी रहे. सबसे ज्यादा परेशानी पड़ोसी देशों को हैं. इसमें भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, ताइवान, जापान और दक्षिण कोरिया शामिल हैं.

अब हम आपको बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान चीन ने कब-कब और कैसी-कैसी हरकतें कीं, जो अभी के लिए इतनी जरूरी नहीं थीं. सबसे पहले 29 मार्च को मिलिट्री ड्रिल की. इससे जापान और ताइवान परेशान हो गए. जापान ने तो चीन से सटे मियाकोजिमा द्वीप पर मिसाइलें और 340 सैनिक तैनात कर दिए.

उधर, 29 मार्च को ही ताइवान ने कहा कि चीन ने उसके एयरस्पेस में अपने फाइटर जेट भेजे. इसके बाद ताइवान की एयरफोर्स के विमानों ने उन्हें भगाया. इसके बाद ताइवान ने भी अपने शहरी इलाकों में टैंकों के साथ अभ्यास किया. 

सिर्फ इतने से शांत नहीं बैठा चीन, 11 अप्रैल को उसने पूरी दुनिया के सामने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया. चीन की नौसेना ने रियलिस्टिक मैरीटाइम ऑपरेशंस में भाग लिया. इस बार चीन ने दक्षिण चीन के समुद्री इलाके में गाइडेड मिसाइल से लैस यूलिन और सूचांग युद्धपोत से मिसाइल दागे. दोनों युद्धपोतों से सैकड़ों बम-गोले, मिसाइलें और गाइडेड मिसाइलों का परीक्षण किया गया.  

इस युद्धाभ्यास में चीन की नौसेना ने फॉर्मेशन मैन्यूवर, लाइव फायर ऑपरेशंस, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, ज्वाइंट सॉल्वेज जैसे काम किए. चीन की सेना की आधिकारिक साइट ने इसकी तस्वीरें चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स को दी हैं.

सिर्फ इससे काम नहीं चला. जमीन, हवा और समुद्र से भी काम नहीं चला तो अंतरिक्ष में भी अपनी पैठ जमाने के लिए उसने 5 मई को अपने मून मिशन के लिए तैयार किए गए रॉकेट और प्रोटोटाइप अंतरिक्षयान यानी स्पेसक्राफ्ट का सफल परीक्षण किया. ये परीक्षण चीन के हैनान प्रांत में स्थित वेनचांग लॉन्च पैड से किया गया.

चीन ने माउंट एवरेस्ट पर भी 5G नेटवर्क स्थापित किया है. जिसे लेकर एक्सपर्ट काफी चिंता में हैं. एक्सपर्ट का दावा है कि 5G नेटवर्क के जरिए चीन भारत समेत कई पड़ोसी देशों की निगरानी कर सकता है. कई अन्य ऐसे कार्यों को अंजाम दे सकता है जो खतरनाक साबित हो सकते हैं

चीन ने माउंट एवरेस्ट पर 5300 मीटर और 5800 मीटर की ऊंचाई पर 5G इंटरनेट नेटवर्क स्थापित किया है. एवरेस्ट पर तीन 5G नेटवर्क वाले स्टेशन बनाए गए हैं. तीसरा स्टेशन 6500 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है. यह काम चाइना मोबाइल और हुवेई कंपनी ने मिलकर किया है. 

अब चीन भारत के दक्षिणी किनारे से करीब 684 किलोमीटर दूर मालदीव में एक द्वीप को बढ़ाकर उसे बड़ा करता जा रहा है. प्राकृतिक द्वीप को कृत्रिम द्वीप बना रहा है. वहां से भारत और अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापारिक मार्ग पर नजर रख पाएगा. इससे उसे सामरिक और आर्थिक क्षेत्र में फायदा मिलेगा. 

सिर्फ इतना ही नहीं, 5 और 6 मई को लद्दाख के पेंगोंग सो सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. दोनों तरफ से डंडे चले थे और पथराव हुआ था. इन झड़पों में कुछ अधिकारी और कई सैनिक घायल हुए थे.

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