दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग के जन सुनवाई में भाजपा और AAP के कार्यकर्ताओं के बीच हो गई झड़प

 दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग के जन सुनवाई में भाजपा और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच  बुधवार को झड़प हो गई। दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आप विधायकों व समर्थकों पर भाजपा विधायकों पर हमला करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष और आरडब्लूए प्रतिनिधियों को बोलने नहीं दिया जा रहा है।

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचा रही है। जनसुनवाई में सिर्फ आप विधायकों को बोलने दिया जा रहा है जो सिर्फ डीईआरसी की प्रशंसा कर रहे हैं। भाजपा विधायकों ने डीईआरसी के चेयरमैन की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं।

वर्ष 2019-20 में बिजली की दरें निर्धारित करने के लिए लोधी रोड स्थित स्कोप कंवेंशन सेंटर के सभागार में जनसुनवाई हो रही है। इसकी समीक्षा के बाद डीईआरसी बिजली की नई दरें घोषित करेगा।

जनसुनवाई में भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता, विधायक ओपी शर्मा, जगदीश प्रधान, देवेंद्र सहरावत, आप विधायक जरनैल सिंह, राखी बिड़लान, सरिता सिंह समेत कई नेता मौजूद हैं।

घाटे का हवाला
राजाधानी में दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) तय करता है। बिजली कंपनियों के वार्षिक खर्च व उनकी मांगों को अपनी वेबसाइट पर पेश करने के साथ ही डीईआरसी ने लोगों से आपत्ति और सुझाव मांगे थे। बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) घाटे का हवाला देकर बिजली की दरें बढ़ाने की मांग कर रही हैं। बिजली खरीद व पारेषण की दरें बढ़ने, सातवें वेतन आयोग लागू होने व न्यूनतम मजदूरी बढ़ने की वजह से कंपनी के खचरें में बढ़ोतरी हुई है। यदि बिजली की वर्तमान दरों में बढ़ोतरी नहीं की गई तो उसका घाटा और बढ़ जाएगा।

विपक्ष और आम लोगों का विरोध
इस संबंध में दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि पिछले वर्ष जारी टैरिफ में स्थायी शुल्क में बढोतरी कर उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ा दिया गया है। जबकि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने उपभोक्ताओं को स्थायी शुल्क से राहत दिलाने का वादा किया था। दिल्ली सरकार की मिली भगत से स्थायी शुल्क बढ़ाने के साथ व पेंशन शुल्क भी उपभोक्ताओं से वसूला जा रहा है।

जनसुनवाई में भाजपा इस तरह के शुल्क व अधिभार को वापस लेने की मांग कर रही है। नॉर्थ दिल्ली रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक भसीन ने भी कहा कि स्थायी शुल्क में हुई बढ़ोतरी वापस लेने की मांग के साथ ही अधिभार वसूलने और बिजली की दरों में बढ़ोतरी का विरोध किया जाएगा।

ये कंपनियां देती हैं बिजली
बांबे सबअर्बन इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई की दोनों कंपनियां बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड और बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) पूर्वी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, मध्य दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली के 42 लाख उपभोक्ताओं को बिजली पहुंचाती है। वहीं, टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) उत्तर दिल्ली और उत्तर पश्चिमी दिल्ली के 16.4 लाख उपभोक्ताओं को बिजली पहुंचाती है।

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