दिनेश पाठक की किताब ‘बस थोड़ा सा’ की झलक जल्द ही छोटे परदे पर

  • पीढ़ियों तक पढ़ी जाएगी ये किताब, पन्नों के बाद छोटे परदे और डिजिटल दुनिया में बनाएगी अपनी जगह

लखनऊ. अपनी बेबाक पत्रकारिता के लिए मशहूर करियर काउंसलर दिनेश पाठक की किताब ‘बस थोड़ा सा’ की झलक जल्द ही छोटे परदे पर दिखेगी। उत्तर प्रदेश दूरदर्शन ने इस किताब पर धारावाहिक बनाया है, जो कि एक डाक्यु ड्रामा है। इस डॉकयू सभी कलाकार यूपी से ही लिए गए हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रसारण शुरू होने के साथ ही इस किताब का लाभ यूपी के ग्रामीण इलाकों के छात्रों के साथ साथ उनके पेरेंट्स को भी मिलेगा।

Dinesh Pathak, Bas Thoda Sa

यूपी दूरदर्शन की कार्यक्रम प्रमुख रमा त्रिवेदी और कार्यक्रम अधिशाषी आत्म प्रकाश मिश्र ने बताया कि धारावाहिक तैयार हो चुका है। जल्दी ही इसका प्रसारण शुरू कर दिया जाएगा। प्रकाश मिश्र के मुताबिक धारावाहिक का पूरा कंटेंट लेखक / पत्रकार के आलावा करियर काउंसलर दिनेश पाठक की पुस्तक ‘बस थोड़ा सा’ से लिए गए हैं। उन्हें उम्मीद है कि यह डाक्यु ड्रामा राज्य के दर्शकों को उनके बच्चों के लालन-पालन में मददगार होगा।

Dinesh Pathak, Bas Thoda Sa, दिनेश पाठक की किताब ‘बस थोड़ा सा'

पुस्तक के लेखक दिनेश पाठक ने रावाहिक निर्माण के लिए दूरदर्शन टीम का आभार जताया। उन्होंने कहा कि एक्सपर्ट के रूप में कुछ धारावाहिकों में वे भी परदे पर दिखेंगे। पैरेंटिंग पर आधारित तीन किताबों के लेखक दिनेश पाठक की दो और किताबें भी जल्दी ही आने वाली हैं।

Dinesh Pathak, Bas Thoda Sa, दिनेश पाठक की किताब ‘बस थोड़ा सा'

दिनेश स्कूल, कालेज के जरिए लगातार देश की युवा पीढ़ी के संपर्क में हैं। फेसबुक, यूट्यूब के साथ ही अन्य माध्यमों पर भी दिनेश की मौजूदगी है। वे डिजिटल की ताकत को देश का भविष्य समझते हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल दुनिया की मदद से देश भर से युवा उनसे सीधे सवाल कर रहा है और जवाब भी उन्हें मिल रहे हैं। वे ‘बस थोड़ा सा’ नाम से ही अभियान चला रहे हैं जो कि एक सामाजिक जागरूकता अभियान है।

एक सवाल के जवाब में पाठक ने बताया कि यह किताब 2005 में पहली बार छपी थी। उसी साल दोबारा छपी। अब फिर छपने वाली है। अब इसका डिजिटल संस्करण भी बनाने की तैयारी चल रही है। इसका मकसद है कि किताब का सन्देश ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँच सके। उन्होंने जानकारी दी कि यह किताब दो हिस्सों में है। पहला हिस्सा यंग पैरेंट्स को संबोधित करता है तो दूसरा हिस्सा किशोर, यूथ को संबोधित करता है। कल्पना कुछ ऐसी की गई है कि इस किताब को यंग पैरेंट्स पढ़ते हुए बच्चों को बड़ा करें और फिर वे इसे अपने बच्चों को दे दें। करियर शुरू करने के बाद यही किताब पैरेंट्स के रूप में बच्चे के काम आये। मतलब, किताब पीढ़ियों के लिए तैयार की गई है।

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