दान की राशि से सरकारी स्कूलों की हो सकेगी कायापलट, प्रावधान धारा 80 जी के तहत रजिस्ट्रेशन शुरू

दान की राशि से सरकारी स्कूलों की कायापलट हो सकेगी। यह विभाग का मानना है। इसके लिए सरकारी स्कूल पैन कार्ड से जुड़ने लगे हैं। साथ ही उन्होंने आयकर छूट के प्रावधान धारा 80 जी के तहत भी रजिस्ट्रेशन कराने शुरू कर दिए हैं।

उदयपुर जिले में काया स्थित राजकीय आदर्श माध्यमिक स्कूल को प्रदेश का पहला 80 जी रजिस्टर्ड होने का गौरव मिला है। जिसके बाद प्रदेश के अन्य कई सरकारी स्कूल भी आयकर में छूट के प्रावधान वाली 80 जी में रजिस्ट्रेशन को लेकर रुचि दिखाने लगे हैं।

विभागीय जानकारी के अनुसार जिले के लगभग दो सौ माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों की समितियां अपना पेन कार्ड बनवा चुकी है। साथ ही दो दर्जन से अधिक विद्यालयों की समितियां आयकर विभाग से रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। माना जा रहा है कि इसके बाद सरकारी स्कूलों को दान देने वाले भामाशाहों की वृद्धि होगी। उन्हें अपनी दान दी हुई राशि पर आयकर विभाग की धारा 80जी के तहत छूट मिलेगी।

इधर, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय उदयपुर से मिली जानकारी के अनुसार सरकारी स्कूलों की कायाकल्प के लिए शिक्षा विभाग ने अक्ष्य दान पात्र योजना की शुरुआत की गई है। जिसके तहत हर स्कूल में दानपेटी लगाई गई है। विभागीय अधिकारी मधुसूदन व्यास के मुताबिक अक्षय दान पात्र योजना के तहत मिलने वाली राशि का उपयोग सरकारी स्कूलों की कायापलट के लिए किया जाएगा। जिले के अस्सी फीसदी से अधिक स्कूलों में यह योजना लागू है। अगले सत्र तक सभी स्कूलों को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य रखा है।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर के स्कूलों में विद्यालय प्रबंधन एवं संचालन समितियों के गठन किए गए हैं। जो स्कूलों के विकास के लिए काम करेगी। इसी प्रक्रिया को पूरी करने के लिए

आयकर विभाग में रजिस्ट्रेशन का निर्णय लिया गया है।

उदयपुर के काया स्थित स्कूल से हुई शुरुआत आयकर विभाग से रजिस्ट्रेशन की शुरुआत का श्रेय उदयपुर जिले के काया गांव स्थित सरकारी स्कूल को जाता है। इस स्कूल ने सबसे पहले सितम्बर 2017 में आयकर विभाग से 80 जी रजिस्ट्रेशन कराया। जिसमें बताया कि आयकर विभाग से रजिस्टर्ड स्कूलों को दान देने वाले भामाशाहों को आयकर में पचास फीसदी तक छूट दी जा रही है।

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