तुलसी के गुणों के बारे में जानकर हैरान रह जाएंगे आप…

तुलसी का नाम सुनते ही लोगों के मन में आस्था की भावना जाग उठती है. भारत में तुलसी को पवित्र पौधे की उपाधि प्राप्त है. तुलसी का पौधा एक ऐसा पौधा है जो भारत देश में लगभग हर घर में पाया जाता है. घरों में तुलसी लगाना शुभ माना जाता है. लेकिन धार्मिक गुणों के अलावा इसके कुछ वैज्ञानिक गुण भी हैं. जिसके चलते तुलसी का पौधा और भी उपयोगी हो जाता है. ऐसा कहा जाता है कि घर में तुलसी का पौधा होने से रोग घर तक नहीं पहुंचते क्योंक ये एक रोग निरोधक पौधा है. तुलसी का प्रयोग कर कई रोगों से घर पर ही छुटकारा पाया जा सकता है. सामान्य तौर पर घरों दो तरह की तुलसी पाई जाती है पहली जिसकी पत्तियों का रंग थोड़ा गहरा और दूसरा जिसका रंग थोड़ा हल्का होता है. हम आपको बता रहे हैं तुलसी के कुछ ऐसे फायदों के बारे में जिससे आप अंजान हो सकते हैं.तुलसी के गुणों के बारे में जानकर हैरान रह जाएंगे आप...

दाग-धब्बों से छुटकारा
तुलसी के पत्तों को पीसकर चेहरे पर लगाने से दाग-धब्बे और मुहांसें दूर होती हैं. तुलसी में एंटी बायोटिक के गुण पाए जाते हैं जिससे ये किसी भी तरह की एलर्जी से होने वाले प्रभावों को दूर करता है. और दाग-धब्बों से छुटकारा दिलाता है.

सर्दी-खांसी से छुटकारा
तुलसी के पत्तों से सर्दी-खांसी की समस्या भी दूर होती है. रोजाना इसके 4-5 पत्ते खाने से आपको फायदा होगा. चाहें तो आप इसका इस्तेमाल पीसकर भी कर सकते हैं.

मुंह की दुर्गंध दूर करने में
तुलसी खाने से मुंह की दुर्गंध भी गायब हो जाती है. साथ ही इसका कोई साइडइफेक्ट भी नहीं होता. तो अगर आपके मुंह से भी दुर्गंध आने की समस्या हो तो आप तुलसी की कुछ पत्तियां खा लें. इससे आपके मुंह की दुर्गंध तुरंत खत्म हो जाएगी.

चोट लगने पर
अगर आपको चोट लग गई है तो घाव भरने के लिए आप तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें एंटी-बेक्टीरियल गुण होते हैं जो घाव को फैलने नहीं देता और घाव को जल्दी भरने में मदद करता है.

दर्द में उपयोगी
तुलसी का तेल हर तरह के दर्द में उपयोगी होता है. अगर आपको शरीर के किसी अंग में दर्द हो रहा है तो आप तुलसी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये आपके दर्द को हील करता है और दर्द से छुटकारा दिलाता है.

दमा, टीबी के इलाज में कारगर
तुलसी दमा और टीबी के इलाज में भी लाभकारी है. नियमित तुलसी खाने से दमा और टीबी जैसे रोग नहीं होते क्योंकि ये दमा और टीबी के जीवाणुओं को बढ़ने से रोकती है.

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