तीन रुपये यूनिट से भी सस्ती सौर ऊर्जा

 कच्चे तेल (क्रूड) की कीमतों में भले ही तेजी का रुख बन रहा हो, लेकिन ऊर्जा के अक्षय स्त्रोत सौर ऊर्जा की दरों में लगातार गिरावट देखी जा रही है।

तीन रुपये यूनिट से भी सस्ती सौर ऊर्जा

ठीक एक वर्ष पहले जब आंध्र प्रदेश में सौर पार्क लगाने के लिए कई निजी कंपनियों ने पांच रुपये प्रति यूनिट से कम दर की निविदा भरी तो यह बड़ी खबर थी।

लेकिन अब ताजा सूचना यह आ रही है कि मध्य प्रदेश में रीवा सौर पार्क के लिए कुछ कंपनियों ने तीन रुपये प्रति यूनिट से भी कम दर की बोली लगाई है। इस बात की तस्दीक खुद ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने की है।

माना जा रहा है कि सौर ऊर्जा से पैदा होने वाली बिजली की यह नई प्रस्तावित दर इस पूरे सेक्टर की भावी योजनाओं के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।

गोयल ने ट्वीट कर कहा, ‘देश में स्वच्छ ऊर्जा के प्रसार को बढ़ाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को अब तेजी से साकार किया जाएगा। सौर ऊर्जा के लिए 2.97 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बेचने की बोली लगाई गई है।’

750 मेगावॉट क्षमता वाला रीवा सौर ऊर्जा पार्क दुनिया के सबसे बड़े सोलर एनर्जी पार्कों में से एक होगा। बिजली मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि जिन कंपनियों ने तीन रुपये या इससे नीचे की बोली लगाई है, वे जानती हैं कि भारत में सौर ऊर्जा का बहुत ही शानदार भविष्य है।

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इसलिए वे इस दर पर भी मुनाफा कमा सकती हैं। बिजली मंत्रालय को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में सौर ऊर्जा कंपनियों की तरफ से और कम दरों का प्रस्ताव आ सकता है।

अभी कई राज्यों की तरफ से सोलर पार्क लगाने की निविदा निकाली जानी है। बिजली मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पिछले एक वर्ष के भीतर कंपनियों के तरफ से प्रस्तावित दरों में 50 फीसद की कटौती करने से यह साबित हो रहा है कि इन्हें कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थान भी इनकी संभावनाओं को सही मान रहे हैं।

इसके अलावा देशी व विदेशी कंपनियों की तरफ से समान तौर पर प्रस्तावित दरों में कमी की जा रही है।

उदाहरण के तौर पर रीवा सोलर पार्क के लिए ब्राजील की कंपनी सोलबर्ग ने 2.97 रुपये प्रति यूनिट की बोली लगाई है। वैसे, यह बोली पहले वर्ष के लिए लगाई गई है।

इसके बावजूद इतनी कम दर पर सौर ऊर्जा से बिजली बनाने का प्रस्ताव बेहद आकर्षक है। केंद्र सरकार ने सौर ऊर्जा से देश में एक लाख मेगावॉट बिजली बनाने का लक्ष्य रखा है।

 

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