वायर के करंट से डोल गया मोदी का सिंघासन, सांच को आंच नहीं तो जांच में दिक्कत क्या … ?

उज्जवल प्रभात डेस्क. साल 2014 में केंद्र की सत्ता पर विराजित होने के बाद से भाजपा का परचम ऐसा लहराया कि उन्होंने विपक्षियों के उठने का एक भी मौक़ा नहीं छोड़ा। भाजपा की कड़ी मेहनत कहें या मोदी लहर का प्रताप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का डंका चारों और सुनाई देने लगा।

डोल गया मोदी का सिंघासन

अब ऐसे में जब भाजपा का पूरा ध्यान महज अपने एकमात्र लक्ष्य 2019 के लोकसभा के चुनावों पर था तो वेबसाइट ‘द वायर’ में छपे एक लेख ने उनकी इन तैयारियों में बड़ा खलल पैदा कर दिया।

अब भाजपा के सभी धुरंदर इस लेख पर उठे सवालों और विपक्षियों के वार को फुर्ती से काटने में लगे हुए हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृती इरानी ने अपने-अपने तरीके से रोहणी सिंह के लेख को निंदनीय और जय शाह जो कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पुत्र हैं की मान और प्रतिष्ठा को धूमिल करने का एक षड्यंत्र करार दिया।

बता दें समाचार वेबसाइट द वायर पर रविवार (आठ अक्टूबर) प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद जय शाह की कंपनी का टर्न-ओवर 16 हजार गुना बढ़ गया था।

वहीं जय शाह ने सोमवार (नौ अक्टूबर) को रिपोर्ट करने वाली वेबसाइट द वायर, उसके संस्थापकों सिद्धार्थ वरदराजन, सिद्धार्थ भाटिया और एमके वेणु, मैनेजिंग एडिटर मोनोबिना गुप्ता, पब्लिक एडिटर पामेला फिलिपोज, पत्रकार रोहिणी सिंह और द वायर के आर्थिक मदद देने वाले एनजीओ फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म के खिलाफ अहमदाबाद के मेट्रोपोलिटन अदालत में आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया।

खबरों के मुताबिक़ राजनाथ सिंह ने मंगलवार (10 अक्टूबर) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय अमित शाह पर लगे “धांधली” के आरोपों को खारिज किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि जय शाह पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा, “ऐसे आरोप पहले भी लग चुके हैं। समय समय पर लगते रहते हैं। इसमें कोई आधार नहीं है।”

राजनाथ सिंह ने ये भी कहा कि जय शाह पर लगे आरोपों की जांच की कोई जरूरत नहीं है।

यह बातें राजनाथ सिंह मंगलवार को दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के नए मुख्यालय भवन के उद्घाटन मौके पर बोल रहे थे।

जय शाह ने अपनी याचिका में कहा है कि द वायर ने “मानहानि करने वाले मूल लेख” में बदलाव (अपडेट) किए गये हैं और इस मामले के “अहम सबूत” (लेख) में “छेड़छाड़” की गयी है।

रविवार को जय शाह पर रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने भी जय शाह का बचाव करते हुए उन पर लगे आरोपों को “अपमानजनक, मानहानि करने वाला, खोखला और निराधार” बताया था। पीयूष गोयल ने दावा किया था कि ‘द वायर’ अमित शाह की छवि बिगाड़ना चाहता है।

इस मामले के सामने आते ही भाजपा की धुर विरोधी पार्टी कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस मौके को हाथ से जाने नही दिया।

उन्होंने जय शाह को सवालों के घेरे में लाते हुए भाजपा और मुख्यतः पीएम मोदी को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया।

गुजरात दौरे के दौरान राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अमित शाह के बेटे जय शाह पीएम नरेंद्र मोदी के स्टार्टअप इंडिया के स्टार्टअप आइकन हैं।

राहुल ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी जी हमेशा कहते हैं कि वे देश के चौकीदार हैं और कभी भ्रष्टाचार की इजाजत नहीं देंगे लेकिन जय शाह विवाद पर भारत का चौकीदार चुप है। वे इस विवाद पर कोई बयान नहीं देना चाह रहे हैं।

राहुल के इस तंज पर उनके ही संसदीय क्षेत्र अमेठी में भाजपा ने पलटवार किया। खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति इरानी और यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी ने राहुल को निशाने पर लिया।
शाह ने कहा कि मोदी से 3 साल का हिसाब मांगने वाले राहुल गांधी को अमेठी में अपनी 3 पीढ़ियों का हिसाब देना चाहिए।

वहीं स्मृति इरानी ने कहा कि राहुल के पास अमेठी की जनता के लिए वक्त नहीं है। अमेठी में जो भी विकास कार्य हुआ है वह बीजेपी के कारण हुआ है। योगी ने राहुल पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें अमेठी नहीं, इटली की याद आती है।

बीजेपी अध्यक्ष ने राहुल को घेरते हुए सवाल किया कि वे इतने साल तक यहां के सांसद रहे यहां कलेक्टर का ऑफिस, टीबी अस्पताल, एफएम स्टेशन क्यों नहीं बना? किसानों की जमीन का नदी में कटाव क्यों नहीं रोका गया? गरीबों का बैंक अकाउंट मोदी जी खोल रहे हैं, घर-घर बिजली पहुंचा रहे हैं।

आपके परनाना, परनानी, नानी, पिता जी और माता जी सभी सत्ता में रहे। अब यह सब काम मोदी जी को क्यों करना पड़ रहा है? गुजरात की जनता तो गुजरात का सच जानती है आप अमेठी का आकर देखिए इसका बंटाधार क्यों हुआ।’

इसके साथ ही भाजपा का गुणगान करने के लिए केंद्र की करीब 109 योजनाओं का बखान शुरू किया गया।
अब सार कुछ भी हो इस मामले का लेकिन बखेड़ा तो बड़ा खड़ा हो ही गया है। भाजपा के दामन पर दाग की जो छींटे उछल कर सामने आई उन्हें साफ़ कर पाना क्या आसान होगा? यह बड़ा सवाल है।

पर इन सबके बीच खटकने वाली बात यह है कि आखिर जब ‘भाजपा का दामन साफ़ था… साफ़ है… और साफ़ ही रहेगा’ तो क्यों इस मामले की जांच कराने से गुरेज है।

होने दें जांच… जो सच होगा वही सामने आएगा… चाहे जितना जोर लगा लें कोई, सांच को आंच नहीं होनी चाहिए।

-कुलबुलाहट ब्लॉग से साभार (kshitijbajpai. blogspot .in)

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