जरूरत पड़ी तो डबल शिफ्ट में भी क्लिनिक चलेंगे|

मोहल्ला क्लिनिक डबल शिफ्ट में भी चलाए जा सकते हैं। हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन का कहना है कि 1000 मोहल्ला क्लिनिक शुरू होने के बाद अगर जरूरत पड़ी तो डबल शिफ्ट में भी क्लिनिक चलेंगे। अभी पीरागढ़ी समेत दो मोहल्ला क्लिनिक डबल शिफ्ट में चलते हैं। अगर पेशंट की संख्या ज्यादा हुई तो डबल शिफ्ट में बाकी क्लिनिक भी चलेंगे। छह घंटे के बजाए 12 घंटे तक क्लिनिक में मरीजों को देखा जा सकेगा। जहां-जहां से भी डिमांड आएगी, वहां पर डबल शिफ्ट में मोहल्ला क्लिनिक शुरू होंगे।जरूरत पड़ी तो डबल शिफ्ट में भी क्लिनिक चलेंगे|दिल्ली सरकार के लिए 1000 मोहल्ला क्लिनिक बनाने सबसे अहम प्रोजेक्ट्स में एक है। अभी तक 110 मोहल्ला क्लिनिक चल रहे हैं और हाल ही में सरकार को स्कूलों में 300 मोहल्ला क्लिनिक बनाने के प्रपोजल पर मंजूरी मिली है। हेल्थ मिनिस्टर का कहना है कि अगले 4 से 5 महीनों में एक हजार मोहल्ला क्लिनिक शुरू करने का टारगेट है। स्कूलों में क्लिनिक के प्रपोजल को तो मंजूरी मिल गई है और बाकी जगहों को भी देखा जा रहा है।

जैन ने बताया कि सरकार की योजना है कि लोगों को एक किमी के दायरे में प्राइमरी हेल्थ केयर की सुविधा मिले। अभी दिल्ली सरकार, केंद्र और एमसीडी की करीब 700 से 800 डिस्पेंसरी हैं। उनका कहना है कि अभी तक मोहल्ला क्लिनिक में 23 लाख लोगों का इलाज हो चुका है और इनमें से 50 पर्सेंट ऐसे लोग हैं, जिन्होंने पहली बार गवर्नमेंट मेडिकल सर्विसेज का प्रयोग किया है। यह दिखाता है कि मोहल्ला क्लिनिक का प्रयोग कितना सफल रहा है। मोहल्ला क्लिनिक में 212 टेस्ट फ्री में हो रहे हैं और जल्द ही बाकी टेस्ट भी इस कैटिगरी में शामिल किए जाएंगे।

सरकारी हॉस्पिटलों की ओपीडी में भी मरीजों की संख्या बढ़ी है। इस बारे में जैन ने कहा कि प्राइवेट क्लिनिक में इलाज करवाने वाले लोग अब अपने घर के पास बने मोहल्ला क्लिनिक की ओर शिफ्ट हो गए हैं और यहां पर उन्हें बेहतर इलाज मिल रहा है। फ्री दवाईयां देने का प्रयोग भी सफल रहा है। दवाईयों की कॉस्ट टोटल हेल्थकेयर की केवल दो से तीन पर्सेंट होती है लेकिन फ्री दवाईयां का फायदा गरीब लोगों को हो रहा है। सीएम ने भी निर्देश दिए हैं कि हर अस्पताल में दवाईयां मिलनी चाहिए। मोहल्ला क्लिनिक में आने वाले 95 पर्सेंट मरीजों का इलाज वहीं पर हो रहा है और केवल 2 से 3 पर्सेंट मरीजों को ही अस्पतालों में रेफर करना पड़ता है।

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