कुछ इस तरह से टूटी मोदी की सारी उम्मीदें; लगा अब तक का सबसे तगड़ा झटका

कुछ इस तरह से टूटी मोदी की सारी उम्मीदें; लगा अब तक का सबसे तगड़ा झटका….. केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी के प्रमुख कारणों में कालेधन पर अंकुश लगाने की बात कही गई थी। कई अनुमानों में इस तरह के धन की मात्रा तीन लाख करोड़ रुपये से पांच लाख करोड़ होने की बात कही गई थी, जबकि इतनी रकम बैंकों में जमा होने की कोई उम्मीद नहीं है। अब तक जमा धनराशि के रुझानों और अनुमानों को देखें तो जितना कालाधन जमा होने की उम्मीद थी, यह उससे बहुत कम हो सकता है।

कुछ इस तरह से टूटी मोदी की सारी उम्मीदें; लगा अब तक का सबसे तगड़ा झटका

केंद्र सरकार को झटका

राज्यसभा में मंगलवार को एक उत्तर में वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि आठ नवंबर, 2016 तक मोदी के दो उच्च मूल्य वाले नोटों को अमान्य किए जाने की घोषणा तक 17.165 अरब की संख्या में 500 रुपये के नोट और 6.858 अरब की संख्या में 1000 रुपये के नोट प्रचलन में थे।

उस दिन तक प्रणाली में उच्च मूल्य के नोटों में कुल राशि 15.44 लाख करोड़ रुपये या 225 अरब डॉलर (8.58 लाख करोड़ रुपये 500 रुपये के नोट में और 6.86 लाख करोड़ रुपये 1000 रुपये) थी।

हालांकि भारत के सभी वाणिज्यिक बैंकों को अपने पास जमा की गई राशि का एक निश्चित अनुपात रिजर्व बैंक में रखना होता है, जिसे नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) कहते हैं। यह राशि 4.04 लाख करोड़ रुपये है, जो मुद्रा के रूप में नहीं होती है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 28 नवंबर को घोषणा कि बैंकों में 10 नवंबर से 27 नवंबर के बीच पुराने बंद किए गए नोटों के रूप में 8.45 लाख करोड़ रुपये या 124 अरब डॉलर (8,44,962 करोड़) की रकम जमा हुई है। बैंक नौ नवंबर को बंद थे।

विशेषज्ञों के मुताबिक, बाकी बचे 33 दिनों में इस हिसाब से जितनी रकम बैंकों में जमा होने का अनुमान है, वह अबतक के सरकार और बैंकों द्वारा लगाए गए अनुमानों से काफी अधिक है। इस तरह से जो काले धन का अनुमान लगाया गया है, वह गलत साबित हो जाता है।

इसका मतलब यह है कि या तो काला धन बड़े नोटों के रूप में नहीं है या फिर जिनके भी पास इन नोटों के रूप में काला धन था, वे इसे बैंकिंग प्रणाली में डाल चुके हैं। इसलिए किसी भी हालत में तीन लाख करोड़ रुपये से पांच लाख करोड़ रुपये का काला धन होने का अनुमान नहीं टिकता है।

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