झोलाछाप पैथोलोजिस्ट से बचाने के लिए रजिस्टर्ड पैथोलोजिस्ट ने कसी कमर

लखनऊ. पैथोलॉजी में होने वाले टेस्ट की रिपोर्ट का महत्व रोग की सही पहचान करना है, इसी रिपोर्ट के  आधार पर चिकित्सक मरीज का इलाज करता है. ऐसे में अगर रिपोर्ट गलत हुई तो मरीज की जान को खतरा पैदा हो सकता है. सही रिपोर्ट देने में एक पैथोलोजिस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. अर्थात अगर रोग की पहचान सही नहीं हुई तो मरीज को लेने के देने पड़ सकते हैं. इस महत्व को समझकर ही सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिए हैं कि पैथोलॉजी जांच रिपोर्ट पर हस्ताक्षर मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया से पंजीकृत डॉक्टर को ही दस्तखत करने की इजाजत है.

लेकिन जानकारों का कहना है कि एक मोटे अनुमान के अनुसार औसतन सिर्फ 20 प्रतिशत पैथोलॉजी ऐसी हैं जिनमें रिपोर्ट आवश्यक योग्यता रखने वाले यानी एमसीआई पंजीकृत डिग्रीधारी पैथोलोजिस्ट तैयार करते हैं, जबकि 80 प्रतिशत रिपोर्ट अयोग्य (झोलाछाप) लोग तैयार करते हैं.

इस बारे में आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की लखनऊ शाखा की ओर से आयोजित एक प्रेस वार्ता में अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार और आम जन के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए इस आदेश के क्रियान्वयन के लिए मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया से पंजीकृत पैथोलोजिस्ट की एक एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजिस्ट और माइक्रोबायोलॉजिस्ट उत्तर प्रदेश का गठन किया गया है. यह एसोसिएशन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के रजिस्टर्ड बॉडी है. उन्होंने बताया कि इस एसोसिएशन के माध्यम से प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखा गया है जिसके साथ सुप्रीम कोर्ट की कॉपी भी भेजी गयी है ताकि सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को इस आदेश के क्रियान्वयन के लिए निर्देश भेजे जा सकें और आम जन की जान को गलत जांचों से बचाया जा सके. डॉ. सूर्यकान्त ने बताया कि इस पत्र की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री के साथ ही विभागीय अधिकारियों, जिलों के अधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों को भी भेजी है.

डॉ.सूर्यकान्त ने बताया कि इस सम्बन्ध में हम आमजनों को भी ‘Know Your Pathologist’ अभियान के माध्यम से जानकारी दे रहे हैं जिससे वह गलत जगहों पर जांच कराने से बचे. पत्रकार वार्ता में एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजिस्ट और माइक्रोबायोलॉजिस्ट उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष डॉ. पीके गुप्ता, डॉ. जेडी रावत, डॉ. अमित रस्तोगी, डॉ. सुधीर श्रीवास्तव, डॉ. मनीषा भार्गव, डॉ. आलोक दीक्षित, डॉ. मनीष सिंह और डॉ. मनीष रस्तोगी भी उपस्थित रहे.

Back to top button