झारखंड में पानी बचाने के लिए निजी व सरकारी तालाबों के जीर्णोद्धार की योजना हुई शुरू

खूंटी । जल संकट से निपटने की दिशा में झारखंड सरकार ने एक कदम आगे बढ़ाया है। बीते दो साल में 25000 से ज्यादा डोभा (छोटे तालाब) बनाने के बाद अब एक साथ 1000 तालाबों के जीर्णोद्धार की योजना शुरू की गई है। जल संचयन पखवाड़ा सात जून तक चलेगा। इस दौरान राज्य भर के 2000 निजी व सरकारी तालाबों का जीर्णोद्धार होगा।झारखंड में पानी बचाने के लिए निजी व सरकारी तालाबों के जीर्णोद्धार की योजना हुई शुरू

गुरुवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस महती योजना का श्रीगणेश किया। इसके लिए उन्होंने अपेक्षाकृत पिछड़े खूंटी जिले का चयन किया। शहीद जबरा मुंडा के गांव मेराल में उन्होंने जल संचयन पखवाड़ा की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश का जिक्र किया। बोले, राज्य के तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य बरसात से पूर्व कर लिया जाए ताकि जल संरक्षण कर कृषि कार्य और भूमिगत जल का संवर्धन सुनिश्चित हो सके। इस योजना का सीधा असर किसानों पर पड़ेगा। उनकी आय दोगुनी होगी। इससे आधुनिक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा।

इजरायल जाएंगे झारखंड के किसान

झारखंड सरकार की योजना है कि राज्य के हर जिले के पांच किसान इजरायल का दौरा करें। वहां देखें कि किस प्रकार सीमित जल में खेती होती है। सरकार अपने खर्च से किसानों को इजराइल भेजेगी। इस बाबत जल्द फैसला होगा। हर जिले से पांच किसानों का चयन इस दौरे के लिए किया जाएगा। तालाबों का जीर्णोद्धार करने के बाद मछली और बत्तख पालन को बढ़ावा दिया जाएगा। पांच एकड़ तक के तालाबों का जीर्णोद्धार मानसून से पूर्व कर लिया जाएगा। झारखंड पूर्वी भारत का पहला राज्य है, जहां कृषि बजट पेश किया गया है।  

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