जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर पर बैन लगने पर चीन ने लगाया रोड़ा

चीन ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को ब्लैकलिस्ट करने के संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों में एक बार फिर रोड़ा अटका दिया है. चीन का यह कदम भारत के खिलाफ और पाकिस्तान के पक्ष में है. पिछले साल भारत ने मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई थी, लेकिन इस बार यह प्रस्ताव तीन देशों – अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से रखा गया था.जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर पर बैन लगने पर चीन ने लगाया रोड़ा

विदेश मंत्रालय ने एनडीटीवी को बताया कि हमें इस घटनाक्रम के बारे में सूचना दी गई है और इस मुद्दे को चीन की सरकार के समक्ष उठाया गया है. भारत का कहना है कि पिछले साल पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले समेत कई अन्य आतंकी हमलों में मसूद अजहर का हाथ है.

किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार करने या ब्लॉक करने या स्थगित करने की दस दिन की समयसीमा के खत्म होने से तुरंत पहले चीन ने यह कदम उठाया. किसी भी प्रस्ताव को छह माह के लिए स्थगित किया जा सकता है और इसकी मियाद तीन और माह के लिए बढ़ाई जा सकती है. इस दौरान कभी भी प्रस्ताव को ब्लॉक किया जा सकता है, जिसके साथ ही कोई भी प्रस्ताव खत्म हो जाता है.

संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति की मंजूरी मिल जाने पर मसूद अजहर की संपत्ति पर रोक लग गई होती और पाकिस्तान समेत अन्य देशों में उसकी यात्रा पर प्रतिबंध लागू हो जाता.

पिछले साल भी चीन ने मसूद अजहर का नाम संयुक्त राष्ट्र के आतंकियों की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव पर तकनीकी आधार पर अड़ंगा लगा दिया था. हालांकि इससे कुछ दिन पहले चीन ने अपने रुख पर विचार करने का संकेत दिया था लेकिन ऐन वक्त पर चीन ने अपने पुराने रवैये का प्रदर्शन किया. भारत ने इस मसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण आघात’ करार दिया था.

विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस बात से अवगत है कि पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद पठानकोट हमला समेत भारत में अनेकों आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है जिसे संयुक्त राष्ट्र ने निषिद्ध किया है.

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