जिसके आइडिया पर बाजार के हवाले हुआ था पेट्रोल-डीजल, उसने बताया कैसे ‘लूट’ रही सरकारें

पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ विपक्ष सड़कों पर है. देशभर में कांग्रेस समेत कई अन्य पार्टियों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोला हुआ है. वहीं सरकार लगातार तर्क दे रही है कि अंतरराष्ट्रीय कारणों की वजह से पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ रहे हैं.

अब इस मसले पर एक्सपर्ट की राय सामने आ रही है. एनर्जी एक्सपर्ट डॉ. किरिट पारिख का कहना है कि हमने ही सरकार को पेट्रोल-डीज़ल को डिरेगुलेट करने की बात कही थी, जिसे यूपीए-एनडीए ने स्वीकार भी किया है. बता दें कि किरिट पारिख वहीं व्यक्ति हैं जिन्होंने करीब 8 साल पहले पेट्रोल-डीज़ल को विनियंत्रित (सरकारी नियंत्रण से मुक्त) करने की सिफारिश की थी. 

उन्होंने कहा कि इस समय परिस्थिति इसलिए बिगड़ी है क्योंकि केंद्र सरकार काफी अधिक मात्रा में टैक्स वसूल रही है. उन्होंने कहा कि करीब 100 फीसदी टैक्स सरकार की ओर से वसूला जा रहा है. सरकारें ये नहीं कह सकती है कि वह अमीरों को लूटकर गरीबों को दे रही है क्योंकि गरीब भी पेट्रोल-डीज़ल का इस्तेमाल करते हैं.

उन्होंने इस समस्या से निपटने का तरीका भी बताया. उन्होंने कहा कि अगर लोगों को परेशानी से बचाना है तो टैक्स को कम करना होगा. केंद्र और राज्य दोनों को अपना टैक्स कम करना चाहिए.

एनर्जी एक्सपर्ट ने कहा कि केंद्र को 2-3 फीसदी और राज्य सरकारों को 5 फीसदी तक टैक्स में कटौती करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीज़ल पर टैक्स वसूलना सबसे आसान होता है और हमारे देश में इसे सबसे ज्यादा वसूला जाता है.

पेट्रोल-डीज़ल को जीएसटी में शामिल करने की मांग पर भी उन्होंने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि अगर फ्यूल को जीएसटी में शामिल किया जाएगा तो कलेक्शन नहीं बढ़ेगा. केंद्र सरकार धीरे-धीरे पेट्रोल-डीज़ल को जीएसटी में शामिल कर सकती है, कुछ समय के लिए उसे राज्यों को घाटे के लिए पैसा भी देना होगा.

सोमवार को भी बढ़े दाम

आज भी पेट्रोल-डीजल के रेट में कमी नहीं आई है, बल्कि दाम और बढ़ गए हैं. पेट्रोल के रेट में 23 पैसे की वृद्धि हुई है जबकिडीजल में 22 पैसे का इजाफा हुआ है. पेट्रोल-डीज़ल (Petrol Diesel Price Hike) की इन्ही बढ़ती हुई कीमतों के खिलाफ विपक्ष ने भारत बंद (Bharath Bandh) बुलाया.

Back to top button