जिनेदिन जिदान के सिर एक और ताज

जिनेदिन जिदान फुटबाल की दुनिया का वो सितारा जिसकी चमक ने उसे सर्वकालिक महान खिलाडिय़ों में शामिल किया गया और अब फ्रांस के इस बेमिसाल खिलाडी जिनेदिन जिदान ने चैम्पियंस लीग में रियाल मैड्रिड की जीत से फुटबॉल के महान कोचों की श्रेणी में भी शामिल होने का गौरव हासिल कर लिया है. चैम्पियंस लीग के फाइनल में रियाल मैड्रिड ने लिवरपूल को 3-1 से मात दी. वह चैम्पियंस लीग में लगातार तीन सत्र में टीम को खिताब दिलाने वाले पहले कोच बन गये हैं जबकि रियाल मैड्रिड 40 वर्षों में ऐसा करने वाली पहली टीम बनी. खिलाड़ी के तौर पर भी 45 साल के जिदान ने 2002 में ग्लास्गो में बेयर लेवरकुसेन को हराकर खिताब जीता था जिसमें उनके गोल को इस ट्राफी के फाइनल के सर्वश्रेष्ठ गोल में से एक माना जाता है.

चैम्पिंयस लीग के फाइनल में हालांकि गेरेथ बेल ने एक्रोबेटिक प्रयास से शानदार गोल दागा जो जिदान के गोल को टक्कर देता हैं. जिदान ने 1998 में विश्व कप फुटबॉल में फ्रांस को चैम्पियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. ब्राजील के खिलाफ फाइनल में उन्होंने दो गोल किए थे जिससे टीम 3-0 से मैच जीती थी. इसके दो साल बाद उन्होंने फ्रांस को यूरोपियन चैम्पियनशिप का खिताब भी दिलवाया था. लगभग ढाई साल पहले रियाल मैड्रिड के दूसरे स्तर की टीम के कोच से शीर्ष टीम के मैनेजर बने जिदान इस ट्राफी को तीन बार हासिल करने वाले सिर्फ तीसरे कोच है. उन्होंने अपने समकक्ष पेप गार्डियोला और जोस मोरिन्हो को पीछे छोड़ा तो वहीं लिवरपूल के पूर्व मैनेजर बाब पेसले और कार्लो एनसिलोटी की बराबरी की। वह एनसिलोटी के सहायक भी रह चुके है. 

मैच के बाद उन्होंने कहा , ‘‘ मुझे खिलाडिय़ों को बधाई देनी चाहिए क्योंकि उन्होंने जो किया हैं, वह आसान नहीं था. ’’ जिदान ने कहा , ‘‘ यह व्यवसाय की तरह है। इसके लिए कोई शब्द नहीं है. इस टीम के बारे में यहीं कहा जा सकता है. खिलाडिय़ों की काबिलियत की कोई सीमा नहीं हैं. ’’ 

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