जाने क्यों भांग-धतूरा ही चढ़ता है भगवान शिव को…..
सोमवार का दिन भोलेनाथ का दिन माना जाता है। वैसे भोलेनाथ को खुश करने के लिए जो सबसे ख़ास दिन माना जाता है वह होता है महा शिवरात्रि का। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी परेशानी दूर हो जाती है। कहा जाता है इस दिन पूजा कर उनसे जो कुछ माँगा जाए वह मिलता है। आप जानते ही होंगे कई लोग सोमवार के दिन, महा शिवरात्रि के दिन व्रत भी रखते हैं। वैसे भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भांग, धतूरा और बेलपत्र चढ़ाया जाता हैं। कहते हैं भोलेनाथ को किसी तरह की विशेष मिठाइ नहीं चढ़ाई जाती है। जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव भांग , धतूरा चढ़ाने से ही प्रसन्न होते है। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि भगवान शिव को भांग और धतूरा ही क्यों चढ़ाया जाता है।।।?
आप सभी जानते ही होंगे भगवान शिव को नीलकंठ कहा गया है। वह इसलिए क्योंकि सागर मंथन के दौरान भगवान शिव ने विष का प्याला पिया और उन्होंने विष को अपने गले के नीचे नहीं उतरने दिया। कहते हैं भगवान शिव के मस्तिष्क पर इस विष का असर हो गया और उसके बाद वह बेहोश हो गए। इस दौरान देवताओं के सामने आदि शक्ति प्रकट हुई और उन्होंने भगवान शिव का उपचार करने के लिए जड़ी बूटियां और जल का सुझाव दिया।
इस दौरान आदि शक्ति के कहने पर देवताओं ने भगवान शिव पर भांग, धतूरा और बेलपत्र रखा और जल से लगातार अभिषेक किया। कहा जाता है ऐसा होने से वह जागृत हुए थे। यह सब होने के बाद से ही भगवान शिव को भांग, धतूरा बहुत पसंद है। कहा जाता है भांग और धतूरे को औषधीय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। वहीं शास्त्रों में भी बेल पत्र के तीन पत्तों को रज, सत्व और तमोगुण का प्रतीक माना गया है। कहा जाता है बेलपत्र शिव को चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।